दुनिया का पहला बिना बैटरी से इस्तेमाल होने वाला वायरलेस पेसमेकर को वैज्ञानिकों ने तैयार कर लिया है। इस पेसमेकर की खास बात यह है कि शरीर में इंप्लांट करने के बाद उसको बाहर निकालने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह पेसमेकर धीरे-धीरे शरीर में अपने आप ही घुल जाता है।

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टेंपरेरी पेसमेकर को कर देगा रिप्लेस वायरलेस पेसमेकर

वैज्ञानिकों ने दावा किया है यह टेंपरेरी पेसमेकर का बेहतर विकल्प हो सकता है जिसे लगाने के कुछ समय बाद सर्जरी करके बाहर निकाला जा सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह डिवाइस आने वाले समय में टेंपरेरी पेसमेकर को रिप्लेस कर देगा। इस डिवाइस का इस्तेमाल ओपन हार्ट सर्जरी, हार्ट अटैक और ड्रग ओवरडोज के बाद कुछ मरीजों को पेसमेकर की आवश्यकता होने लगती है।

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ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान टेंपरेरी पेसमेकर को हार्ट की मांस पेशियों के साथ जोड़ दिया जाता है। जब हार्ट सामान्य हो जाता है तो उसके बाद इस पेसमेकर को निकाल लिया जाता है। वर्तमान में तैयार डिवाइस एक बार शरीर में लगाने के बाद उसको हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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वजन में हल्का और काफी पतला है वायरलेस पेसमेकर

इस पेसमेकर को नॉर्थवेस्टर्न और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। यह पेसमेकर वजन में हल्का और काफी पतला है। इस पेसमेकर को चार्ज करने के लिए बाहर रखे रिमोट एंटीना का इस्तेमाल किया जाएगा।इस पेसमेकर को बनाने के लिए ऐसे बायोमैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है जो पांच से सात हफ्ते में अपने आप शरीर में घुल जाएगा।

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मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा होगा कम

शोधकर्ता जॉन ए रोजर ने बताया पेसमेकर में या हार्ट के आसपास हार्डवेयर रखने पर मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इसमें भारी बैटरी का इस्तेमाल ना होने के कारण यह हल्का और संक्रमण से भी बचाने में सक्षम है। कम कीमत पर मरीजों को ज्यादा फायदा पहुंचाने वाला है। यह डिवाइस इंसानों पर इस्तेमाल के लिए कब तक तैयार होगी और इसकी कीमत कितनी होगी इस पर वैज्ञानिकों ने साफ तौर पर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है।

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