रूस ने दुनिया के लिए एक चेतावनी जारी किया है। रूस द्वारा जारी इस चेतावनी में बताया गया कि दुनिया में अब West Nile Virus बीमारी फैल सकती। अमूमन यह बीमारी मच्छरों के जरिए लोगों तक पहुंचती है। यह बीमारी क्लाइमेट चेंज की वजह से होने वाले तापमान में बदलाव की वजह पैदा होने वाले मच्छरों से होती है।

यह भी पढ़े: क्या कोवैक्सीन बनाने के लिए गाय के बछड़े का सीरम इस्तेमाल किया जाता है? कैसे बनाई जा रही है कोवैक्सीन?

West Nile Virus मच्छरों से फैलता है

इस बीमारी में अगर गंभीर स्थिति की बात करें तो इसमें दिमागी बुखार या नहीं इंसेफलाइटिस या फिर मेनिनजाइटिस होने के आसार हो जाते हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह से बारिश के मौसम में मच्छरों के पनपने का खतरा ज्यादा होता है इसलिए यह वायरस के (West Nile Virus) इन मौसम में तेजी से फैलने की आशंका बनी रहती।

West Nile Virus

इस वायरस के लिए बन रही है अनुकूल परिस्तिथि

रूस के कंजूमर हेल्थ वाचडॉग Rospotrebnadzor के मुताबिक West Nile Virus दुनिया भर में फैल सकता है क्योंकि परिवर्तन जलवायु परिवर्तन होने की वजह से परिस्थितियां इस वायरस के लिए अनुकूल होने लगी। दुनिया के कई देश जैसे अमेरिका, यूरोप, चीन कई जगहों पर बारिश हुई है। ऐसे में बारिश होने की वजह से मच्छरों के पनपने और उनके द्वारा इस वायरस के संक्रमण फैलाने की संख्या ज्यादा होती है। रूस में West Nile Virus के 80 परसेंट से ज्यादा मामले दक्षिण-पश्चिम इलाके से आए हैं।

West Nile Virus क्या है?

West Nile Virus एक संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी मच्छरों के द्वारा फैलती है। West Nile Virus बीमारियों से लेकर इंसानों तक फैलने की क्षमता रखती है। इस वायरस को क्यूलेक्स मच्छर लेकर घूमते हैं। इस बीमारी के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिस भी व्यक्ति को यह बीमारी होती है उस इंसान को दिमागी संबंधी बीमारियां होने लगती हैं या फिर वह दिमागी बुखार से भी मर सकता है।

West Nile Virus

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट क्या कहती है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक West Nile Virus का संबंध जीका, डेंगू और बीमारियों से भी है। WHO के मुताबिक दुनिया भर में मच्छरों से होने वाली बीमारियों में से इस बीमारी की संख्या 20 फ़ीसदी है। जिन व्यक्तियों को West Nile Virus का संक्रमण होता है उनके अंदर बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द और लिंफ नोड्स के सूजन होने की दिक्कतें सामने आती है। इसके लक्षण शुरुआती दिन या कुछ हफ्तों बाद दिखाई देने लगते।

यह भी पढ़े: कोरोना वैक्सीन के बाद शरीर में प्लेटलेट्स हो जाते है कम ? नई स्टडी में से हुआ चौंकाने वाला खुलासा।

यह बीमारी सबसे पहले कहां पाई गई थी?

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक West Nile Virus सबसे पहले युगांडा के जिले में पाया गया था। यह बीमारी युगांडा की एक महिला में 1937 में खोजा गया था। इस वायरस को 1953 में NILE नदी के डेल्टा वाले इलाके में कौवे समेत अन्य पक्षियों में भी पाया गया था। इस वायरस को 1997 में सिर्फ पक्षियों के लिए खतरनाक माना गया लेकिन उसी समय इजराइल में अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी इंसेफलाइटिस और लकवा से मारे गए, जिनकी जांच करने के बाद उनमें वेस्ट नाइल वायरस की पुष्टि हुई थी। बीते 50 सालों की बात करें तो वेस्ट नाइल वायरस इंसानों को कई अलग-अलग देशों में संक्रमित किया है।

West Nile Virus

अमेरिका में हाल में ही पाए गए है इसके मरीज

अमेरिका के कुछ इलाकों में हाल में ही इस वायरस से संक्रमित होने की खबर सामने आई थी। यह  वायरस अगर दिमाग में प्रवेश कर जाए तो जान लेने की क्षमता रखता है। इस वायरस के संक्रमण होने के बाद मरीजों में दिमाग में सूजन, बुखार या दर्द जैसी समस्या उत्पन्न होती है, इसको हम इंसेफेलाइटिस के नाम से जानते हैं। अगर यह वायरस दिमाग के चारों तरफ बनी परत और रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाने लगे तो इसे हम मेनिनजाइटिस के नाम से जानते हैं।

यह भी पढ़े : खबर विज्ञान की दुनिया से : जीन थैरेपी की मदद से 40 साल बाद लौटी 58 वर्षीय इंसान के आँख की रौशनी।

किसको हो सकती है यह बीमारी

डॉक्टर इस वेस्ट नाइल वायरस की पहचान फिजिकल जांच मेडिकल हिस्ट्री और लैब की जांच के बाद करते हैं। ईस्ट वेस्ट नाइल वायरस सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को है या फिर जिनका इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर होता है। इस वायरस से बचने के लिए कोई खास तरीका अब तक मौजूद नहीं है।

इसका अब तक कोई इलाज नहीं पाया गया है

वेस्ट नाइल वायरस का अब तक कोई खास इलाज भी नहीं खोजा जा सका पुलिस स्टाफ इस बीमारी से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। डॉक्टर इस बीमारी से ठीक करने के लिए कई तरह की सुइयां, रेस्पिरेट्री सपोर्ट या फिर अन्य संक्रमण को रोकने का प्रयास करते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए आपको मच्छरों से बेहद बचाव करना जरूरी है।

यह भी पढ़े : कोरोना के बाद मंकीपॉक्स वायरस का खतरा , ब्रिटेन में 2 मरीज हुए संक्रमित।

Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *