ऑस्ट्रेलिया के जंगलों से एक बेहद अच्छी खबर आयी है। कुत्ते की तरह दिखने वाला छोटे आकर का मांसाहारी जीव जिसका नाम तस्मानिया डेविल है। इसको लोग तस्मानिया शैतान भी बोलते है। इस जीव का खुले जंगलो में 3000 साल बाद इस तस्मानिया शैतान नामक जीव का जन्म हुआ है। इस जानवर को दुनिया का सबसे बड़ा मार्सुपियल कार्निवोर भी कहा जाता है। लेकिन यह नाम उस जानवर के खान पान की वजह से पड़ा है। 

tasmanian devil back in australia

लेकिन ऐसा क्यों है की 3000 साल बाद इस जानवर का जन्म हुआ है। आइये कुछ एक्सपर्ट की राय जानते है।

बैरिग्टन टॉप एक छोटी सी पहाड़ी है जो ऑस्ट्रेलिया में है। यहां पर तस्मानिया में एक डेविल आर्क सेंचुरी है। इसी जगह पर 7 तस्मानिया शैतान के शवकों ने जन्म लिया है। जैसे ही इसकी सुचना उस सेंचुरी में काम करने अधिकारियों को लगी वो मौके पर पहुंचे और देखा की साथ छोटे गुलाबी रंग के शावक दिखाई दिए। इनके आसपास उनकी माँ रही होगी लेकिन जब अधिकरी गए तो उन्होंने उसकी माँ को देखा नहीं वो उस समय वहां मौजूद नहीं थी। इन छोटे शावकों को देखकर अधिकरी बेहद खुश है क्योकि इस विलुप्त जानवर की अब आबादी बढ़ने में मदद होगी।

 

tasmanian devil australian

ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में यह जानवर बिलकुल विलुप्त हो गया था क्योकि लोग इसका खूब शिकार करते थे और यही कारण है की यह जानवर विलुप्त होने के कगार पर है। लोगो के अलावा इन तस्मानिया शैतान को जंगली कुत्ते भी बड़ी चाव से खाते है और इन वजहों से इनकी आबादी कम होती चली गयी है।दूसरी सबसे बड़ी समस्या है की अगर ये जीव शिकार से बच गए तो इनके चेहरे पर ट्यूमर बनाना यानी की चेहरे का कैंसर का होना है जिसके वजह से इनकी आबादी कम होती गयी। पुरे ऑस्ट्रेलिया में इनकी आबादी अब सिर्फ 25 हजार रह गयी है।

 

tasmanian devil in australian zoo

ऑसी आर्क कंजर्वेशन ग्रुप के प्रेसीडेंट टीम फॉकनर ने कहा हम इन्हे बचाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे क्योकि हमारा बहुत कुछ दांव पर लगा है। उन्होंने बताया की सभी सातों शवाओ की सेहत ठीक है और वो पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन फिर भी हम लोग एहतियातन अगले कुछ दिनों तक हम इनपर और फारेस्ट रेंजर्स नजर रखेंगे। पिछले साल ऑसी आर्क कंजर्वेशन ने 26 वयस्क तस्मानियन डेविल्स को खुले जंगलो में छोड़ा था और उनका मानना है कि इन्ही किसी जोड़े ने अपनी प्रजनन प्रक्रिया पूरी की है। ये जानवर आमतौर पर प्रजनन प्रक्रिया को पसंद नहीं करते और दूर भागते है। 2008 में UN ने इस जानवर विलुप्तीय जानवरो की लाल सूचि में डाला था।

australian marsupial carnivores

इन जानवरों के गर्दन काफी मजबूत होता है। इनके शरीर भी काफी बड़े होते है। जिसके वजह से जबड़े की पकड़ काफी शक्तिशाली होती है। ये जानवर पेड़ पर चढ़ने में सक्षम है , पानी तैरना भी जानते है और जमींन पर तेजी दौड़ भी लगा सकते है।ये जानवर बड़ी अजीब जीवन व्यतीत करते है। तस्मानिया डेविल्स के नर पुरे जीवन काल में एक बार ही मादा से संबध बनाते है जिसके लिए दो नरो में शक्ति प्रदर्शन भी करना होता है।

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इस जनवरी की मादा की बात करे तो वो पुरे जीवन काल में 4 बार गर्भवति हो सकती है। मादा जिस नर के साथ एक बार संबध बना लेती है दूसरी बार उससे संबध नहीं बनाती। इनको हर बार नए नर की जरूरत होती है। और इसके वजह से इनके साथ संबध बनाने वाला नर अकेला जीवन व्यतीत करता है।

 tasmanian devil marsupian carnivores

एक मादा अपने एक ब्रीडिंग सीजन में अमूमन 20 -30 शावकों को जन्म देने में सक्षम होती है और जन्म के समय एक शावक का वजन करीब 20 ग्राम होता है और 100 दिन के अंदर इसका वजन 200 ग्राम हो जाता है। मादा के पास अपने बच्चो को दूध पिलाने के लिए चार ही निप्पल होते है जिसके चलते वो अपने सभी बच्चो को दूध नहीं पीला पाती और 20 – 30 शावकों में से कुछ ही बच पाते है और बाकी शावकों को पोषण नहीं मिलने के वजह से बच नहीं पाते उनकी मृत्यु हो जाती है। जब शावक 9 महीने के हो जाते है तब ये अकेले ही शिकार पर जाने लगते है। डेविल्स छोटे कंगारुओं , चूहों ,भेड़ो, खरगोश ,मेढक ,छिपकली को कहते है। इन जानवरों को शिकार करने में आनंद आता है। ये मरे हुए जानवरों को भी खाने का सौख रखते है। ये आमतौर पर अपना शिकार ऊंचे पेड़ों पर छिपकर या घनी झाड़ियों में छिपकर करते है। ये जानवर आमतौर पर अकेले रहना पसंद करते है।

tasmanian devil beby image

 

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