आजकल समाज में बालों का सफेद होना सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। कम उम्र में बालों का सफेद हो जाना चिंता की बात होती है। बालों के सफेद होने के पीछे का कारण अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है। अगर आपके भी बाल तेजी से सफेद हो रहे हैं तो आप तनाव से बच के रहिए।
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तनाव के कारण बाल हो रहे है सफेद
अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक रिसर्च के अनुसार बालों के सफेद होने का पीछे का कारण तनाव भी हो सकता है। वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया कि अगर इंसान तनाव लेना छोड़ दें तो शायद सफेद बाल वापस काले हो सकते हैं। रिसर्च करने वाले कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर ने दावा करते हुए कहा कि पहली बार यह साबित हुआ है कि इंसानों में तनाव के कारण भी बाल सफेद हो जाते हैं।
स्ट्रेस के कारण होता है माइटोकांड्रिया में बदलाव
शोधकर्ताओं के अनुसार इंसान के शरीर में मौजूद माइटोकॉन्ड्रिया कि कोशिकाओ को पावर हाउस कहा जाता है। जब इंसान तनाव लेता है तो इस माइटोकांड्रिया में बदलाव होने लगता है और बालों से जुड़े सैकड़ों प्रोटीन भी बदलने लग जाते हैं। इन प्रोटींस के बदलने की वजह से काले बाल सफेद होने लगते हैं। बालों के अंतरिम सिरे को हेयर फॉलिकल कहते हैं। यह फॉलिकल सिर के स्किन से जुड़ा होता है।
जब इंसान युवा होता है तो उसके शरीर की कोशिकाएं बालों में खास तरह के पिगमेंट का निर्माण करती रहती हैं जिसके वजह से बाल काले रहते हैं। इस पिगमेंट को हम मिलेनोसायट्स कहते हैं। जब इंसान बूढ़ा हो जाता है तो उसके शरीर में यह मिलेनोसायट्स कम हो जाते हैं। इसके वजह से बाल धीरे-धीरे काले से सफेद होने लग जाते हैं।
14 लोगों पर हुआ इसका शोध
शोधकर्ताओं ने तनाव और बालों का कनेक्शन को समझने के लिए 14 लोगों के हेयर सैंपल लिए थे जिसमें से 7 महिलाएं और 7 पुरुष थे। जिनकी औसत उम्र 35 साल थी। शोधकर्ताओं ने इन बालों की गहराई से तस्वीर लेकर जांच की और इस जांच के दौरान उन्होंने जानने की कोशिश की कि बालों के रंग देने वाले पिगमेंट कितना कम हुआ है। इस रिसर्च में जिन लोगों से हेयर सैंपल लिए गए उन लोगों से तनाव के बारे में भी सवाल जवाब किए गए।
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रोज लिखी जाने वाली डायरी की सहायता से यह समझा गया कि कौन सा शख्स कितना अधिक तनाव में है और किसने कम तनाव लिया। इन सभी आंकड़ों के जांच करने पर नतीजा मिला कि बालों के सफेद होने के पीछे तनाव का भी कनेक्शन है। वैज्ञानिकों ने कहा कुछ लोगों में तनाव कम होने पर बाल वापस काले होने शुरू हो गए थे। एक रिसर्च के मुताबिक इंसान उम्र में काफी छोटा है या बुजुर्ग है तो जरूरी नहीं है हर मामले में स्ट्रेस खत्म होने के बाद बाल वापस काले हो जाएं।
300 प्रोटीन में होता है बदलाव
शोधकर्ता पिकार्ड ने बताया कि बालों के सफेद होने के मामले देखे जा रहे हैं। एक शख्स के सिर में पांच बाल सफेद थे वह छुट्टी पर गया और कुछ दिनों बाद उसके बाल काले हो गए। उन्होंने आगे ये भी बताया कि 70 साल के बुजुर्ग में ऐसा हो यह संभव नहीं लगता। पिकार्ड के अनुसार जब बालों का रंग बदलता है तो करीब तीन सौ तरह के प्रोटीन में बदलाव देखा जा सकता है।
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शोधकर्ता पिकार्ड ने बताया इंसान की जब बाल स्कीन से जुड़े रहते हैं तो बालों पर इसका कई चीजों का असर पड़ता है। इन में तनाव लेने पर कितना स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होता है, इंसान का दिमाग क्या सोचता है, और शरीर कैसी एक्टिविटी से गुजर रहा है। यह सभी चीजें बालों के काले और सफेद होने पर असर डालती हैं। एक बार बाल शरीर से अलग हुआ तो यह सख्त हो जाता है और हमेशा वैसा ही रहता है।
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