Scrub Typhus : देश में कोरोना का संक्रमण जारी है। अभी कई राज्यों के लोगों को कोरोना परेशान कर रहा है। कोरोना कि दूसरी लहर अभी सामान्य हुई ही थी कि तीसरी लहर को लेकर आशंका तेज हो गई है। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक देश में कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर के महीने में पीक पर हो सकती है। लेकिन कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर नवंबर तक आएगी।
Scrub Typhus एक जानलेवा बीमारी है।
कोरोना महामारी के बीच देश में एक और संक्रमण के मामले तेजी से मिल रहे हैं। तत्कालीन कुछ रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में एक गंभीर और भयंकर बीमारी का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बीमारी की पहचान Scrub Typhus रोग के रूप में की गई है।
कैसे फैलता है Scrub Typhus ?
आपको बता दें Scrub Typhus मुख्य रूप से घुन जैसे छोटे-छोटे कीटों जिन्हें हम माइट के रूप में जानते हैं उनके काटने के कारण होती है। इस बीमारी का अगर उपचार सही समय पर नहीं हो पाया संक्रमित मरीजों की मौत भी हो जाती है। कुछ रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 2 दर्जन से ज्यादा लोग इस बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं।
गन्दी जगहों पर पाए जाते है ये कीट
Scrub Typhus के बढ़ते मामले लोगों की चिंता बढ़ा रहे हैं। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच लोगों के लिए एक यह भी बेहद परेशान करने वाली खबर है। डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी साफ सफाई की कमी के कारण होती है क्योंकि गंदी जगहों पर यह किट उत्पन्न होते हैं।
क्या है Scrub Typhus?
CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन) के अनुसार Scrub Typhus ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बेहद गंभीर बीमारी है। इसका संक्रमण चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने के कारण इंसानों में होता है। इस रोग को बुश टायफस के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी दक्षिण पूर्व एशिया, इंडोनेशिया, चीन, जापान, भारत, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के ग्रामीण इलाकों में पाया जाता है।
इस Scrub Typhus के लक्षण क्या है?
CDC विशेषज्ञों के मुताबिक अगर बात करें तो जिस भी इंसान को यह कीट के काटने से संक्रमित होता है उसके 10 दिन के भीतर उस इंसान में लक्षण आने लगते हैं।
1. संक्रमित मरीजों में बुखार और ठंड लगने के साथ साथ सिर दर्द, शरीर और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं।
2. जिस स्थान पर मरीज के शरीर पर या कीट काटते हैं वहां के त्वचा का रंग गहरा हो जाता है और त्वचा पर पपड़ी पड़ सकती है।
3. कुछ इंसानों में तो त्वचा पर चकत्ते भी नजर आने लगते हैं।
Note : इस बीमारी में अधिक समस्या बढ़ने के बाद रोगियों में भ्रम और कोमा तक की समस्या पैदा हो जाती है। कई गंभीर परिस्थितियों में अंगों के खराब होने की भी समस्या पाई गई है। समय पर इलाज ना होना यह मरीजों के लिए घातक और जानलेवा होता है।
Scrub Typhus का इलाज कैसे संभव है?
डॉक्टरों के मुताबिक इस बीमारी के लक्षण कई बीमारियों से मिलते जुलते हैं। लक्षणों के मिलने के कारण लोग इसमें अक्सर भ्रमित होने लगते हैं। स्क्रब टायफस के निदान के तौर पर कुछ विशेष तरह की एंटीबायोटिक्स की दवा दी जाती है। व्यक्ति की उम्र और परिस्थिति की गंभीरता के संबंध से अलग हो सकता है।
स्क्रब टायफस से कैसे करें बचाव?
सीडीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्क्रब टायफस से बचने के लिए कोई भी टीका उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचना है। यह कीड़े अधिकतर जंगल और झाड़ वाले इलाकों में पाए जाते हैं ऐसे में इन जगहों पर जाने से बचना चाहिए। यदि कोई कीड़ा काट ले तो तुरंत साफ पानी से उस हिस्से को धोकर एंटीबायोटिक दवाएं लगाएं। ऐसे कपड़ों का इस्तेमाल करें जिनको पहनने के बाद आपके हाथ और पैर अच्छी तरह से ढके हो। इस बीमारी से सुरक्षित रहने का एकमात्र उपाय बचाव ही है।