खाना खाने में अगर आप चावल के बड़े शौकीन है तो यह खबर बिल्कुल आपके लिए ही लिखी गई है। यह खबर पढ़ने के बाद आपको थोड़ी सी हैरानी भी होगी। ऐसा हम इसलिए बोल रहे है क्योंकि जिस चावल को आप भोजन के रूप में ग्रहण कर रहे हैं, अगर वही चावल आपके कैंसर होने का खतरा बन जाए तो यह बेहद खतरनाक और हैरान करने वाली खबर होती है। 

यह भी पढ़े:  खबर विज्ञान की दुनिया से : जीन थैरेपी की मदद से 40 साल बाद लौटी 58 वर्षीय इंसान के आँख की रौशनी।

मिट्टी के जरिये चावल में पहुंच रहे है आर्सेनिक तत्व

ये बात हम सिर्फ आपको डराने के लिए नहीं कर रहे हैं बल्कि इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा शोध किया जिसमें यह पाया गया कि चावल से कैंसर होने का खतरा हो सकता है। इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने बताया कि मिट्टी में मिलने वाले कीटनाशक और जहरीले केमिकल चावल खाने वाले लोगों के लिए एक नया खतरा बन रहे हैं।

शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने बताया कि मिट्टी के जरिए चावल में आर्सेनिक तत्व पहुंच रहे हैं जिसकी वजह से कैंसर और हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर आप अध पका चावल या देर तक पानी में न भीगे चावल खा रहे हैं तो इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाएगा। वैज्ञानिकों ने सलाह देते हुए कहा कि अगर आप चावल पका रहे है तो अच्छे से पकाये और हड़बड़ी में इसको ना पकाये।

यह भी पढ़े:  दुनिया के सबसे दुर्लभ खून कि कहानी, दुनियाभर में सिर्फ 43 लोगो के पास है यह खून।

आखिर चावल से बीमारियों का खतरा क्यों और कैसे बढ़ रहा है?

वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा खतरे की सबसे बड़ी वजह आर्सेनिक है और इसके दो कारण हैं। पहला कि लगभग हर pestiside और इंसेक्टिसाइड में आर्सेनिक मिला हुआ होता है। किसान अपनी खेती में फसलों के पैदावार को बढ़ाने के लिए करता है और इसका इस्तेमाल करते है जो खतरा बनने लगा है। दूसरा खतरा बताते हुए कहा कि आर्सेनिक पानी में भी मौजूद होता है। शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि कई सारे देश के भूजल में आर्सेनिक काफी ज्यादा मात्रा में मौजूद है और यह धीरे-धीरे पानी में मिल रहा है। पानी और भोजन के जरिए इंसानों के शरीर में पहुंच रहा है जो बेहद गंभीर बीमारी का कारण बनने लगा है।

चावल से ही खतरा क्यों है?

शोधकर्ताओं ने बताया इससे खतरा इसलिए ज्यादा है क्योंकि इसकी फसल खतरनाक रसायनों के बीच में रहकर तैयार होती है। धान पानी को अधिक सोखते हैं और अगर पानी में आर्सेनिक है तो खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। हम और आप सभी जानते हैं कि धान की पैदावार पानी में रहने से ही होती है यानी कि ये फसल पानी ज्यादा शोषित  करती है और पानी के अंदर मौजूद आर्सेनिक उसके अंदर पहुंचाते हैं।

यह भी पढ़े:  SCIENCE NEWS : सफेद स्किन के लिए DRDO ने खोजी बेहद कारगर दवा, 10 सालों में करीब 1 लाख लोगों पर किया गया इसका उपयोग।

एक रिसर्च के मुताबिक यह भी बताया गया कि लंबे वक्त तक शरीर में आर्सेनिक पहुंच रहा है तो उसके कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अगर आपके शरीर में लंबे वक्त तक आर्सेनिक पहुंच रहा है तो कुछ लक्षण दिखाई देने लगेंगे जैसे – अक्सर उल्टी होना, डायरिया होना, पेट में दर्द रहना ,स्किन पर जख्म और कैंसर के लक्षण।

इस खतरे को कम कैसे करें?

इस पर रिसर्च करने वाली क्वींस यूनिवर्सिटी बेलफास्ट के वैज्ञानिकों ने बताया कि कैंसर और दूसरी अन्य खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए आपको अध पका चावल खाने से बचना चाहिए। खाने से पहले यह आश्वस्त कर लें किया चावल अच्छी तरह से पका हुआ है। चावल से आर्सेनिक को निकालने का एक तरीका ये भी है की चावल अच्छे तरह से पका हो जो खतरे को कम कर देता है।

उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को रहना होगा ज्यादा सतर्क

एक रिपोर्ट बताती है कि आर्सेनिक जो चावल में पाया जाता है उसकी वजह से हर साल उससे करीब 50000 लोगों की मौत होती है। दुनिया भर में चावल के उत्पादन में भारत का स्थान दूसरे नंबर पर आता है। एक नेशनल सैंपल सर्वे के मुताबिक देश के गांव में चावल सबसे ज्यादा खाया जाता है। एक भारतीय गांव के आंकड़ों के मुताबिक देखें तो हर महीने 6 किलो चावल एक इंसान खा लेता है तो वहीं शहरी इंसान का आंकड़ा  4.5 किलो है। सबसे ज्यादा चावल खाया जाने वाला ग्रामीण क्षेत्र उत्तर प्रदेश और बिहार में पाया गया है। सैंपल सर्वे के मुताबिक देश के दक्षिण पूर्व और उत्तर पूर्वी के लोग चावल को काफी ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में इन राज्यों के लोगों को चावल खाना पसंद तो है लेकिन उन्हें ज्यादा अलर्ट रहने की भी जरूरत है।

यह भी पढ़े:  SCIENCE NEWS : लायरबर्ड एक नकलची चिड़िया : जो इंसानी बच्चों के रोने की निकालती है आवाज, जाने इससे जुडी अनोखी बातें ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *