जिस समय पूरी दुनिया कोरोना की महामारी से लड़ रही है और उसकी आखिरी उम्मीद अब वैक्सीन पर टीकी है ऐसे में एक नोबेल पुरस्कार विजेता ने इस वैक्सीन पर ही सवाल उठा दिए है। भारत,अमेरिका ,रूस , ब्रिटेन अन्य तमाम देशों में टीकाकरण का काम चल रहा है ऐसे में ठीके पर सवाल उठने लगे तो सभी को एक आशंका होने लगती है और थोड़े देर के लिए इंसान सोचने को मजबूर हो जाता है।फ़्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर ल्यूक मोन्टेगनियर ने एक बयान दिया है जो चर्चा में है। और बयान का चर्चा में होना लाजमी है क्योकि यह बयान किसी ऐरे गैरे व्यक्ति नहीं दिया है बल्कि एक नोबेल पुरस्कार विजेता ने दिया है। हम आपको बताते चले की प्रोफेसर मोन्टेगनियर एक वायरोलॉजिस्ट है और ऐसे में कोरोना वायरस के लिए बने टीके पर अगर वो सवाल उठाते है तो सभी वैज्ञानिको के लिए सोचने को मजबूर कर देगा।

प्रोफेसर मोन्टेगनियर ने एक बयान देते हुए कहा की कोरोना के लिए बनी वैक्सीन कोरोना से बचा नहीं रही है बल्कि ये वैक्सीन नए स्ट्रेन को जन्म देने में कारगर है। उन्होंने कहा टीके से वायरस तो खत्म नहीं हो रहा है लेकिन नए -नए वेरिएंट को जमन जरूर दे रहा है। प्रोफेसर मोन्टेगनियर ने 2008 में नोबेल पुरस्कार जीता था। प्रोफेसर मोन्टेगनियर ने आगे कहा की वैक्सीन वायरस को रोक नहीं रही बल्कि उसके उल्टा काम रही है और वैक्सीन के वजह से वायरस और ताकतवर हो रहा है,और टीके के कारण बने नए वेरिएंट ज्यादा घातक साबित होंगे। उन्होंने कहा की महामारी से जुड़े और उसपर काम कर रहे सभी वैज्ञानिकों को कोरोना वैक्सीन से जुडी यह बात और इसके तथ्यों के बारे में पता है और वो चुप है साझा नहीं कर रहे है।

एक इंटरव्यू के दौरान जब प्रोफेसर मोन्टेगनियर से सवाल किया गया कि – जबसे टीकाकरण शुरू हुआ है तबसे कोरोना संक्रमण के नए मामले आने शुरू हो गए है और मौत के आकड़े भी तेजी से बढे है इसके पीछे क्या कारण हो सकता है ?

प्रोफेसर मोन्टेगनियर ने जवाब में बताया कि – कोरोना टीकाकरण एक “अस्वीकार्य गलती है”। और सामूहिक टीकाकरण वैज्ञानिक गलती के साथ ही चिकित्सा त्रुटि भी है। प्रोफेसर मोन्टेगनियर आगे जवाब देते हुए कहा कि वैक्सीन हमारे शरीर में एंटीबाडी बनाती है जो वायरस को और मजबूत करता है। वैक्सीन से बनी एंटीबाडी वायरस को दूसरा रास्ता खोजने या मरने को मजबूर करती है और इसके परिणामस्वरूप ही नए वेरिएंट पैदा हो रहे है। उन्होंने कहा हर देश में यही हाल है और सबके हालत एक जैसे ही बने हुए है। उन्होंने कहा टीकाकरण के ग्राफ के साथ – साथ मौत का ग्राफ भी समान चल रहा है।

अप्रैल में प्रोफेसर मोन्टेगनियर ने दावा किया था कि कोरोना वायरस मानव द्वारा बनाया गया वायरस है। कोरोना वायरस मानवनिर्मित है यानि कि इसको लैब में तैयार किया है। इस बयान का मतलब यह है कि वायरस चीन के वुहान लैब में तैयार किया गया है। लेकिन WHO ने मार्च में ही बताया था कि यह कोरोना वायरस इंसानों में किसी जानवर से आया है वुहान कि लैब से नहीं फैला है। लेकिन अभी तक कोरोना वायरस कि उत्पति कैसे हुई है ये अब तक सबसे बड़ा रहस्य है।

नोट – यह रिपोर्ट हमने अमेरिका के एक RARI फाउंडेशन के वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख के आधार पर तैयार किया है। इस लेख को हम आपकी जाकरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए तैयार कर रहे है। प्रोफेसर मोन्टेगनियर का यह इंटरव्यू अमेरिका के RAIR फाउंडेशन ने ट्रांसलेट किया है ।

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