जब से देश और दुनिया में कोरोना की महामारी आई है तब से इस बीमारी के टेस्ट के लिए अलग-अलग तकनीकी का इस्तेमाल हो रहा है। अब तक rt-pcr के जरिए कोरोना का जांच किया जाता था। लेकिन ऐसा दावा किया जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीकी बनाई है जिससे rt-pcr से तेज और सटीक नतीजे मिलेगा। इस नई तकनीकी के जरिए सिर्फ 3 मिनट में यह पता लगाया जा सकता है कि इंसान पॉजिटिव है या नहीं।

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ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है नई तकनिकी

ब्रिटिश के वैज्ञानिकों ने कोरोना जांच के लिए rt-pcr टेस्ट का नया विकल्प बना लिया है। नई तकनीकी आने वाले 3 महीनों के अंदर आम लोगों के लिए भी उपलब्ध कराई जा सकेगी। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने covid test के लिए नई तकनिकी को तैयार करने का दावा किया है। वैज्ञानिकों ने दावा किया इस नई तकनीकी से rt-pcr से तेज और सटीक नतीजे मिलेंगे।

rt-pcr

नई तकनिकी का नाम RTF-EXPAR दिया गया है

शोधकर्ताओं ने इस नई तकनीकी का नाम RTF-EXPAR दिया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक उन्होंने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो कोरोना के जेनेटिक मटेरियल के आधार पर उसका पता लगाती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक मरीजों के सैंपल जांच के लिए गले या नाक से लिए जाएंगे और उस डिवाइस पर रखा जाएगा। डिवाइस कोरोना का पता लगाती है। शोधकर्तों के मुताबिक यह जांच प्रोफेशनल के द्वारा किया जाएगा।

एयरपोर्ट और अन्य जगहों के लिए वरदान साबित होगा

वैज्ञानिकों ने कहा किया जांच उन जगहों के लिए वरदान साबित होगा जहां समय बहुत कम होता है जैसे एयरपोर्ट तथा बाकी अन्य जगहों पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस नई तकनीकी की वजह से खूब की स्क्रीनिंग करने में मदद मिलेगी।

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वायरल लोड अधिक होने पर 45 सेकंड में देगा रिजल्ट 

यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ साइंस के प्रोफेसर टिम डैफ्रन के मुताबिक वायरल लोड कम होने पर रिजल्ट मिलने में कम से कम 8 मिनट तक का समय लग सकता है लेकिन अगर वायरल लोड अधिक रहा तो यह रिजल्ट 45 सेकंड में भी बता देगा। शोधकर्ता प्रोफेसर एंड्रयू बेग्स के मुताबिक इस नई जांच rt-pcr से किसी भी स्तर पर कम नहीं है और इसमें अच्छी खूबियां भी हैं। पॉजिटिव सैंपल से 89 फ़ीसदी तथा नेगेटिव सैंपल से 93 फ़ीसदी तक सटीक जानकारी इस नई तकनीकी से मिलेगी।

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rt-pcr से कैसे है बेहतर?

शोधकर्ताओं के मुताबिक यह नया टेस्ट rt-pcr से ज्यादा बेहतर है। इसके पीछे का तर्क यह दिया गया कि दोनों टेस्ट के रिजल्ट आने में कितना समय लगता है, इसकी जांच हुई और इसमें नतीजा सामने आया कि रिजल्ट आने में इस नई तकनीकी से सिर्फ 8 मिनट का समय लगता है जबकि rt-pcr से जांच करने पर नतीजे आने में 42 मिनट का समय लगा था।

rt-pcr से कभी कभी लग जाता है पुरे दिन का समय

शोधकर्ताओं के मुताबिक कई बार सैंपल जांच के लिए rt-pcr के द्वारा पूरे दिन का समय भी लग जाता है क्योंकि सैंपल को लैब में पहुंचने में लंबा वक्त लगता है। लेकिन इस नई जांच से रिजल्ट को ऑन द स्पॉट देखा जा सकता है।

जांच के लिए कितनी चुकानी होगी कीमत?

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस नए covid टेस्ट तकनीकी से जांच कराने पर कितना खर्च आएगा इसकी कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि rt-pcr के मुकाबले सस्ता रहेगा। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी जल्द ही इसकी जांच करेंगे और इसके बाद इसको UK में इस्तेमाल की मंजूरी दिया जाएगा।

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