अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है कि इंसानों की तरह से बंदर भी तनाव और दबाव महसूस करते हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि जब ज्यादा खुशी का मौका होता है तो इंसानों की तरह बंदर भी नर्वस होते हैं। जब किसी प्रकार का कोई पुरस्कार जीतने का सवाल होता है तो इंसानों की तरह बंदर भी अपनी अच्छी से अच्छी परफॉर्मेंस देने के लिए जी जान लगा देते हैं।

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अमेरिका की पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी ने बंदरों पर किया शोध

बंदरों पर एक रिसर्च अमेरिका के पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के द्वारा की गई है। इस रिसर्च के दौरान यह बात सामने आई कि जब बंदरों पर अपने अच्छे परफॉर्मेंस का दबाव बनता है तो ये घुटन महसूस करने लगते हैं और पुरस्कार जीतने की बारी आती है तो यह दबाव और घुटन अधिक हो जाता है।

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तीन बंदरों पर हुआ है शोध

वैज्ञानिकों के मुताबिक तीन बंदरों को इस अध्ययन के लिए ट्रेनिंग दी गई। बंदरों के ऊपर कितना दबाव और तनाव होता है उसको महसूस करने के लिए वैज्ञानिकों ने तीन बंदरों को ट्रेनिंग दी और चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया। इन बंदरों के बाद यह बात सामने आई की जब इनाम मिलने का वक्त होता है और इनाम की राशि जैसे-जैसे बढ़ाई जाती है बंदरों के परफॉर्मेंस उतनी अच्छी होती चली जाती है।

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बड़े इनाम जितने के दौरान बंदर नर्वस दिखे

वैज्ञानिकों के अनुसार बंदरों के सामने जब जैकपोट जैसा इनाम रखा गया तो फिर फेल हो गए। इस बात से स्पष्ट होता है कि जब बंदरों पर परफॉर्मेंस का दबाव बनता है तो वे नर्वस महसूस करने लगते हैं और तनाव में आ जाते हैं। वैज्ञानिकों ने तीन बंदरों को ट्रेनिंग दी। इन बंदरों को ट्रेनिंग के दौरान बात समझाई गई की इनाम कितना बड़ा है, और छोटे, मध्यम और बड़े इनामों के लिए तैयार किया गया।

बंदर

बंदर अपने ख़ुशी और नर्वस को बखूबी समझते है

ट्रेनिंग के दौरान इन बंदरों को जितना ज्यादा इनाम का दबाव बनाया गया उनका परफारमेंस में उल्टा 10 से 25 फ़ीसदी की कमी आती चली गई। जैकपोट रिजल्ट का आकार मीडियम से 10 गुना ज्यादा बढ़ा कर रखा गया था। पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और वैज्ञानिकों के मुताबिक बंदर कुछ हद तक इंसानों की तरह से खुद के बिहेवियर को भी मॉनिटरिंग करते रहते हैं। इस रिसर्च के दौरान यह बात भी सामने आई और इसके प्रमाण मिले कि बंदर अपने बिहेवियर के ऊपर भी खुद नजर बनाए रखते हैं। बंदर कितना खुश और कितने नर्वस हैं यह बखूबी अपने आप को समझते हैं।

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