जर्मनी के वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल की सहायता से लैब में आर्टिफिशियल हुमन ब्रेन (Mini brain) को तैयार किया। है। वैज्ञानिक हर दिन कोई न कोई नई शोध करने में लगे रहते हैं। तेजी से बदलती दुनिया के साथ-साथ वैज्ञानिक पर हर दिन नई-नई चीजें खोजते रहते हैं।

यह भी पढ़े: मूंगफली का कैंसर कनेक्शन : 28 ग्राम से ज्यादा अगर आप खाते हैं मूंगफली तो कैंसर फैलने का हो सकता है खतरा।

कुछ हिस्से आँख के बने थे

इसी बीच जर्मनी के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल हुमन ब्रेन (Mini brain) को बना लिया है। इस आर्टिफिशियल हुमन ब्रेन को मिनी ब्रेन (Mini brain) कहा जा रहा है जिसमें आंखें भी तैयार हो गई थी। वैज्ञानिकों ने बताया कि आंखें पूरी तरह से विकसित तो नहीं हुई थी लेकिन आंखों के कुछ हिस्से इसमें बनने लगे थे।

यह भी पढ़े: IIT गुवाहाटी: ट्रांसपेरेंट पट्टी (TRANSPARENT BANDAGE) की मदद से घाव जल्द भरेगी। जाने इस अनोखी पट्टी के बारे में

वैज्ञानिकों ने बताया कि हमने इस मिनी ब्रेन (Mini brain) यानी आर्टिफिशियल हुमन ब्रेन को स्टेम सेल की कोशिकाओं से तैयार किया है। Mini brain को जर्मनी के इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन जेनेटिक्स के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है।

Mini Brain5 हफ्ते के भ्रूण की तरह से थी आँखे 

वैज्ञानिकों के मुताबिक आर्टिफिशियल ब्रेन (Mini brain) में आंखें विकसित हुई थी लेकिन जिस तरह से 5 हफ्ते के भ्रूण की आंखें होती हैं उसी प्रकार की आंखें विकसित हो पाई थी। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि आने वाले समय में इस पर कई नई बातें सामने आएंगी और उम्मीद है कि कई सारी बीमारियों में यह इलाज करने में मदद करेगा।

Mini brain में क्या है खासियत?

1. Mini brain 3 मीटर की चौड़ाई वाला है जिसमें मौजूद आंखों में कॉर्निया लेंस है जिसकी सहायता से रोशनी को देख पाता है। वैज्ञानिकों ने बताया की आंखें और नर्व कोशिकाओं की सहायता से दिमाग से कम्युनिकेट करने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि आने वाले समय में लैब में तैयार की गई यह रेटिना उन लोगों या मरीजों में इलाज का काम करेगा जो चीजों को देखने में असमर्थ हैं।

यह भी पढ़े:  शावक स्पार्टा : 28,000 साल पहले बर्फ में दफन होने के बाद भी दांत, स्क्रीन मूछ कैसे रहा सुरक्षित ? खुद के खोज पर वैज्ञानिक हुए हैरान क्यों है?

2. जर्नल में पब्लिक रिसर्च के मुताबिक आंखों पर रोशनी डाली गई तो इसका सिग्नल दिमाग तक पहुंच गया था। इस वजह से यह साबित हुआ की आंखें देख रही हैं वह बात दिमाग तक पहुंच रही है। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि लैब में तैयार किए गए आर्टिफिशियल हुमन ब्रेन में पहली बार ऐसा देखा गया था।

यह भी पढ़े:  SCIENCE NEWS : क्या इंसानों के आंतों में मौजूद खास BACTERIA 100 साल तक जिन्दा रहने की बनाते है वजह ?

3. शोधकर्ता गोपालकृष्णन के मुताबिक मिनी ब्रेन (Mini brain) की सहायता से यह पता चल पाएगा कि भ्रूण के विकास के समय जन्मजात रेटिना से जुड़े डिसऑर्डर में और रेटीना पर खास तरह की दवाओं की टेस्टिंग पर आंख और मस्तिष्क पर किस प्रकार का असर और तालमेल होता है।

लम्बे वक्त तक Mini brain नहीं रहा जीवित 

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस दिमाग पर ब्लड सप्लाई न मिलने के कारण यह धीरे-धीरे ढाई महीने के अंदर खत्म हो गए। 60 दिनों में करीब 314 मिनी ब्रेन (Mini brain) को वैज्ञानिकों ने तैयार किया था इसमें से तीन चौथाई मिनी ब्रेन (Mini brain) पूरी तरह से विकसित हो गए थे।

यह भी पढ़े: SCIENCE NEWS : मकड़ी के जहर से अब बचाई जायेगी लोगों की जान, इसके जहर से होगा दिल के मरीजों का इलाज।

Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *