हीरों की कीमत दुनिया के सभी व्यक्तियों को पता है। दुनिया की सबसे बेशकीमती हीरा की अगर बात करें तो वह ब्रिटेन की महारानी के मुकुट में है। हीरे लंबे समय से पृथ्वी के गर्भ से निकाले जा रहे हैं। लेकिन अब हीरों को प्रयोगशाला के अंदर भी बनाने की तैयारी चल रही है। विज्ञान लगातार उन्नति कर रहा है। इसी उन्नति के वजह से अब हीरों को लैब में बनाने का इंतजाम किया गया। लगातार प्रयास के वजह से लैब में अब हीरे बना लिए गए हैं।

यह भी पढ़े : चीन का दावा : 23 फ़ीट लम्बे गर्दन वाले गैंडे का मिला जीवाश्म, कभी जिराफ से भी लंबे हुआ करते थे गैंडे।

हिरे शुद्ध कार्बन के बने होते है

हीरे कि रासायनिक रूप की अगर हम बात करें तो ये शुद्ध कार्बन के बने होते हैं। अगर हम इसको अधिक तापमान पर गर्म करें तो यह कार्बन डाइऑक्साइड बन जाता है। हीरा काफी दुर्लभ पदार्थ है जिसके कारण इसकी कीमत काफी महंगी होती है। आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया में डायमंड इंडस्ट्री का मार्केट कैप करीबन 80 बिलियन डॉलर का होता है।

खनन से हीरा निकलने में आती है बहुत सी परेशानियां

खनन के दौरान हीरों को बाहर निकालने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा मात्रा में पानी की बर्बादी होती है। जहां पर हीरों का खनन का कार्य किया जाता है वहां पर हजारों पेड़ों की कुर्बानी देनी पड़ती है। कई बार हीरों के खनन के दौरान मजदूरों को बेहद खतरनाक परिस्थिति से गुजरना पड़ता है। इन सभी समस्याओं के परे अगर हीरे लैब में बना लिए जाएं तो आने वाले दौर के लिए गेम चेंजिंग साबित हो सकता है।

लैब में कैसे तैयार हो रहा है हीरा ?

पृथ्वी के गर्भ में तापमान काफी अधिक होता है और उसी वक्त कार्बन के एटम आपस में जोड़ने लगती। कार्बन के एटम्स के आपस में जोड़ने की वजह से हीरा बनकर तैयार होने लगता है। इसी प्रक्रिया को ध्यान में रखकर लैब में अब हीरो को तैयार किया जा रहा है। प्रयोगशाला में हीरों को तैयार करने की एक विशेष तकनीकी का इस्तेमाल भी हो रहा है।

यह भी पढ़े : AIIMS की रिसर्च : आर्थराइटिस और ग्लूकोमा के इलाज में योग एक थेरेपी की तरह करता है काम।

इस तकनीकी में हाइड्रोकार्बन गैस के मिश्रण को 800 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाता है। गर्म करने की वजह से कार्बन के एटम टूटने लग जाते हैं। टूटने के बाद परत दर परत हीरे के आकार की खोल में जमा होने लगते हैं और क्रिस्टल के रूप में अपने आप को धारण कर लेते हैं। इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर प्रयोगशाला के भीतर हीरा तैयार किया जा रहा है।

इंसानों के शरीर से कैसे तैयार हो रहा है हीरा ?

आपको जानकर आश्चर्य होगा किस हीरों को इंसानों के शरीर और जानवरों के शरीर से भी तैयार किया जा सकता है। हमारे शरीर की संरचना के बारे में देखें तो हमारे शरीर की संरचना में कार्बन एटम्स का बहुत बड़ा योगदान होता है। अगर कार्बन नहीं होता तो पृथ्वी पर जीवन भी संभव नहीं हो पाता। इसी की वजह से जीवन का मूल आधार कार्बन को माना जाता है।

यह भी पढ़े : कोरोना मरीजों में खून जमने से हुई मौत के पीछे का कारण है एक खास मॉलिक्यूल।

अगर किसी मृत जानवर या इंसान के शरीर से हाइड्रोकार्बन और ऑक्सीजन को निकाल दिया जाए तो इंसान या जानवर के शरीर के टिशू के अंदर शुद्ध रूप में कार्बन प्राप्त किया जाएगा। बाद में बचे टिशू को प्रयोगशालाओं में अधिक तापमान पर गर्म किया जाता है। गर्म करने के साथ-साथ उसके ऊपर खूब दबाव भी दिया जाता है। तापमान और दबाव होने के दौरान शरीर के ऊतकों से हीरा बन कर तैयार होता है।

यह भी पढ़े : गुलियन बेरी सिंड्रोम : Covishiled Vaccine लेने वाले लोगो में दिख रहा है दुर्लभ तरिके का साइड इफेक्ट्स , भारत में 7 मामले हुए दर्ज।

दुनिया की बहुत सारी कंपनियां इंसान और जानवरों के अवशेषों से हीरा बनाने का काम कर रही हैं। इस पूरी प्रक्रिया में खर्च ज्यादा आता है। अगर हम प्राकृतिक रूप से हीरे को खनन करके प्राप्त करें तो उसमें जलवायु पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

लैब बने हीरे बड़ी क्रांति लाएंगे

इन्हीं सब वजहों और कारणों को ध्यान में रखते हुए कंपनियां अब प्रयोगशाला में हीरा बनाने की विधि का विकल्प तलाश रही थी। अगर ऐसे में प्रयोगशाला में बनाए गए हीरे डायमंड इंडस्ट्री में आती है तो एक बहुत बड़ी क्रांति लेकर आएंगे। प्रयोगशाला में बनाए जाने के बाद हीरों के खनन की वजह से होने वाली पर्यावरण हानि से बचा जा सकता है।

यह भी पढ़े : तनाव की वजह से बालों का सफेद होने के पीछे का क्या है कनेक्शन ? बालों का पुराना रंग वापस लाना है तो इस स्ट्रेस को करें कम।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *