सार

कुछ दिन पहले मैंने आप सभी को अपने ब्लॉग के माध्यम से ये बताने की कोशिश की थी की अल अक्सा मस्जिद पर हुए विरोध प्रदर्शन की पीछे की असली वजह क्या है। दो दिन पहले मैंने एक ब्लॉग के माध्यम से फिलिस्तानियो और इजरायली सुरक्षा बलों के बीच हुए हिंसक झड़प की पूरी कहानी बताई थी। लेकिन आज जो खबरे आ रही है उसके हिसाब से सोमवार से आज बुधवार तक 40 घंटो के बीच करीब 1000 से ज्यादा इजराइल पर हवाई हमले हुए है। बताया जा रहा है यह हमला इजराइल विरोधी संगठन हमास के कब्जे वाले गाजा से हुआ हो रहा है। इजराइल अपनी आबादी को बचानेके लिए आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है। आगे हम जानेगे की ये आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम क्या है और ये कैसे काम करता है।

यरूशलम का इतिहास

यरूशलम इजारयिल और फिलिस्तीन दोनों देशो की राजधानी है। यरूशलम एक बेहद खूबसूरत जगह है और ये खास तौर पर पर्यटन का मुख्य केंद्र माना जाता है,क्योकि इस शहर में 73 मस्जिदें और 158 गिरजाघर है। इस शहर में इन मस्जिदों के आलावा इजराइल म्युज़ियम , सोलोमन मंदिर , वेस्टर्न वाल , अल अक्सा मस्जिद आदि भी पर्यटन के रूप में बड़ी प्रसिद्ध और प्रमुख दार्शनिक जगह है। इतिहास के पन्नो को उलटकर देखा जाए तो यरुशलम प्राचीन यहूदी राज्य का केंद्र रहा और राजधानी भी। सोलोमन मंदिर यहूदियों के सबसे पवित्र मंदिर था जिसको रोमनों ने बर्बाद कर दिया था। ईसा मसीह के कर्म भूमि के रूप में इस शहर की मान्यता है और कहा जाता है की हजरत मुहम्मद जन्नत इसी जमी से गए थे।

आइये जानते है की इजराइल और हमास (इजराइल इसको आतंकी संगठन मानता है) के आपस में लड़ने के पीछे का पूरा मामला क्या है?    क्यों दोनों एक दूसरे पर हवाई हमले करने पर तुले हुए है ?

करीब 100 सालों से फिलिस्तीन के मिडिल ईस्ट इलाके पर इस तरह का संघर्ष इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहा है। मिडिल ईस्ट इलाके में वेस्ट बैंक , गाजा पट्टी ,गोल्डन हाइट्स समेत यरुशलम के पूर्वी इलाकों पर फिलिस्तीन अपना हक़ जताता है जबकि इजराइल अपना दावा भी इन इलाकों करता है और इन इलाकों को छोड़ने के लिए राजी नहीं है। यह विवाद हाल में ही रमजान के महीने में होना शुरू हुआ था। इजराइली पुलिस और फिलिस्तानियों के बीच तनाव की खबरे आती थी ,और इसी बीच में पूर्वी यरूशलम के शेख जर्राह से फिलिस्तीनी परिवार को हटाने का काम इजराइल ने करना आरम्भ कर दिया जिसके विरोध में रमजान के आखिरी जुम्मे पर अल अक्सा मस्जिद पर हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इस हिंसक प्रदर्शन के बाद से ही हमास ने इजराइल पर राकेट दागने शुरू कर दिया और हालत इन दोनों के बीच जंग जैसे बन गए है।

इजराइल के निशाने पर हमेशा फिलिस्तीन में सक्रिय दो चरमपंथी संगठन रहते है ,जिसमे पहला हमास है जो राजनितिक रूप से ताकतवर है और दूसरा PIJ (फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद) है। इन दोनों में से सबसे प्रमुख हमास है जो गाजा पट्टी पर कब्ज़ा किया हुआ है। और खबरो के मुताबिक इजराइल पर राकेट से हमला इसी गाजा पट्टी इलाके से हमास कर रहा है। बताया जाता है ईरान जैसे देशो की मदद से PIJ और हमास को हथियार मिलते थे। मगर अब खबर है की बीते कुछ सालो से इन संगठनों ने खुद हथियार और राकेट बनाने शुरू कर दिए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक हमास के पास 100 से 160 किलोमीटर की रेंज में हमला करने वाला राकेट है। इजराइल की इंटेलीजेन्स रिपोर्ट के मुताबिक हमास के पास J – 80 ,M – 75 ,फज्र – 5 सेकंड जनरेशन M – 75 रॉकेट है।

इजराइल की एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर करीब 6 हजार रॉकेट और 40 हजार लड़ाके हमास के पास होने का अनुमान है तो वही PJI के पास 8 हजार शार्ट रेंज वाले रॉकेट के साथ साथ 9 हजार लड़के होने की आशंका है। कुछ रिपोर्ट बताते है की जब 2014 में जब जंग हुआ था तब हमास ने 50 दिनों के भीतर करीब 2000 रॉकेट दागे थे और एक दिन उसने करीब 200 रॉकेट दागा था फिर बाद में इसकी संख्या में कमी आयी थी। इजराइली वेबसाइट द यरूशलम पोस्ट के अनुसार हमास ने इस बार शुरू के पांच मिनट में ही करीब 137 रॉकेट इजराइल पर छोड़े थे और वे सभी रॉकेट तेल अवीव कॉरिडोर को निशाना बना रहे है। अब तक कुल 1000 से ज्यादा रॉकेट इजराइल पर हमास के द्वारा छोड़े जा चुके है।

आइये जानते है की इजराइल इन रॉकेट के हमलों से अपने आप को सुरक्षित कैसे कर रहा है ?

हमने शुरू में ही आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम का जिक्र किया था तो आइये जानते है की ये डिफेन्स सिस्टम कैसे काम करता है और इजराइल को कैसे बचा रहा है।
2011 में इस आयरन डोम सिस्टम को एक्टिव किया था। इस सिस्टम की मदद से गाजा की तरफ से आने वाले शार्ट रेंज रॉकेट्स को जमीन पर गिरने से पहले ही हवा में बर्बाद में कर देता है जिससे तबाही का खतरा काम हो जाता है। इसी आयरन डोम सिस्टम ने इजराइल की बड़ी आबादी को हमास के हमलों से बचा के रखा है। एक हिस्सा शार्ट रेंज के लिए काम करता है तो दूसरा हिस्सा लॉन्ग रेंज मिसाइलों के लिए काम करता है। आयरन डोम सिस्टम फाइटर प्लेनसे दागी गयी मिसाइलों और ड्रोन हमलों को भी निष्क्रिय करने की काबिलियत रखता है। इस आयरन डोम सिस्टम को इजऱाइल ऐरोस्पेस इण्डस्ट्रीज और राफेल एडवांस्ड डिफेन्स सिस्टम ने मिलकर बनाया है जिसमें अमेरिका ने आर्थिक और तकनीकी मदद किया है।

आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम भी रडार की तकनिकी पर काम करता है। राडार के माध्यम से पता चलता है की रॉकेट इजराइल पर किस दिशा से आ रहे है और उनका टारगेट कोई रिहायशी इलाका या बहुमंजली इमारत तो नहीं है। अगर रडार को थोड़ा भी इसका खतरा महसूस होता है तब बैटल मैनेजमेंट कण्ट्रोल के माध्यम से सिगनल दिए जाते है। और इस सिगनलके मिलते ही मोबाइल यूनिट्स या लॉन्च साइट्स से इंटरसेप्टर छोड़े जाते है जो दुश्मन के द्वारा भेजे रॉकेट के पास जाकर फैट जाती है और रॉकेट को आसमान में ही बर्बाद कर देता है और उसका मलबा सिर्फ जमीं पर आता है। दरअसल इंटेरसेप्टर्स एक प्रकार की वर्टिकल मिसाइल होती है। आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम सिर्फ 90 फिसदी ही कारगर है ,इसका मतलब है की ये पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। बहुत से रॉकेट इजराइल की जमीन पर गिरते है जिसका मतलब है की वो इस आयरन डोम सिस्टम की रडार पर नहीं आये है। इसलिए आयरन डोम सिस्टम सौ फिसदी कारगर नहीं है।

इस आयरन डोम सिस्टम को लेकर विषेशज्ञों की क्या राय है?

आयरन डोम डिफेन्स सिस्टम सिर्फ 90 फिसदी ही कारगर है। कनाडा की ब्रॉक यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल आर्मस्ट्रांग (आयरन डोम पर अध्ययन कर चुके है ) ने बताया की कोई भी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम सौ फिसदी कारगर साबित नहीं होता है। किंग्स कॉलेज लंदन के वॉर स्टडीज डिपार्टमेंट से पीएचडी कर रहे और यूएस मरीन्स में काम कर चुके रॉब ली ने बताया की अगर किसी देश के पास BM – 21 ग्रैड सिस्टम है जिसकी क्षमता 20 सेकंड में 40 रॉकेट दागने की है और ऐसा रॉकेट लॉन्च करने वाली सिस्टम की पूरी एक बैट्ररी या बटालियन है तो सोचिये 20 सेकंड में करीब 240 से 270 रॉकेट लॉन्च होंगे और ऐसे में दुनिया को कोई भी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम एक साथ इतने रॉकेट के हमले को रोकने में सफल नहीं होगा।

अब इस परिस्तिथि में इजराइल के पास क्या विकल्प है ?

हम सभी जानते है की इजराइल की सेनाएं बहुत ताकतवर है। उनके पास आयरन डोम सिस्टम है जो काम कर रहा है। पिछले 2 दिनों में ही इजराइल ने हमास के 130 ठिकानों पर हवाई हमले किये है। इजराइल एयरफोर्स ने हमास के 500 ठिकानों को अपने निशाने पर रखा है। अमेरिका में बने प्लेन F -सीरीज के फाइटर जेट इजराइल के पास है।

 

निलेश गोविन्द राव

 

 

 

 

 

 

 

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