कैलिफोर्निया एकेडमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ताओं ने इस बात की जानकारी दी है कि ब्राजील के समुद्री तट पर लायन फिश का हमला हुआ है। अगर हम लायन फिश के बारे में बात करें ,तो लाइन फिश दुनिया की सबसे ज्यादा आक्रमणकारी प्रजाति में से एक है। इसकी इस आक्रमणकारी प्रवृत्ति की वजह से समुद्री जीवन पर बहुत बड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लायनफिश खास तौर पर मूंगा चट्टानों पर अपना प्रभाव डालती है। 

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अमेरिका से लेकर कैरेबियन द्वीपों को पिछले 30 सालों से प्रभावित करती आ रही है। इक्थियोलॉजी की एकेडमी क्यूरेटर लुइस रोचा ने कहा कि हमें इसके बारे में पता लगाना होगा कि यह लायन फिश ब्राजील तक कैसे पहुंची। साथ ही हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर इसकी जनसंख्या को कैसे नियंत्रित करनी है। अगर हम इस लायन फिस की जनसंख्या को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं तो हमारी स्थानीय प्रजातियों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है।

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लायन फिश देखने में बहुत आकर्षक होती है। उसके शरीर पर बनी धारियां सुंदर दिखती हैं। लेकिन सुंदर दिखने के बावजूद उसके शरीर पर बने कांटे बहुत जहरीले होते हैं। लायन फिश का व्यापारिक मूल्य ज्यादा होता है । मछली घरों के लिए इसकी मांग ज्यादा होती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अटलांटिक महासागर में व्यापार के दौरान लापरवाही के चलते लॉयन फिर छूट गई होगी।

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जानकारों ने बताया अगर इसको खुले पानी में छोड़ दिया जाता है,तो वहां रहने वाले अन्य जानवरों को नुकसान पहुंचाते हैं और पूरे इकोसिस्टम को बर्बाद कर देते हैं। लॉयन फिश को कोई भी जानवर अपना शिकार नहीं बना पाता जिसके चलते साल भर तक तैरने वाले अंडे देते रहना इनकी खासियत होती है और बड़ी तेजी से अपना विकास कर लेती हैं। वर्ष 2015 में एक गोताखोर फोटोग्राफर ने ब्राजील के तट पर इसको देखा था और जानकारी शोधकर्ताओं को दी थी। इसके बाद शोधकर्ताओं को 11 महीने लायन फिश की पुष्टि करने में लग गए।

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लायन फिश एक बार फिर से ब्राजील में पांव पसार रही है। शोधकर्ताओं ने बताया कि ब्राजील के पानी में तीन और लायन फिश को देखा गया है। इनमें से दो मिजोफोटिक रिफ में और एक फर्नाडो डि नोहोन्हा समूह में देखा गया है। फर्नाडो डि नोहोन्हा समूह में उत्तर पूर्वी तट से 200 मील की दूरी पर इनकी पहचान की गई है।

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शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि लायन फिश मिजोफोटिक रिफ में धीरे-धीरे अमेजन के चट्टानों की गहराइयों तक आई । जबकि फर्नाडो डि नोहोन्हा दीप समूह कैरेबियन की ओर से बहती आई होंगी। ब्राजील के शोधकर्ताओं ने स्थानीय निकायों और सरकार से अनुरोध किया है की मछलियों को तत्काल हटा दिया जाए। अटलांटिक इलाकों में पहले के यास बताते हैं कि पूर्ण तरह से उन्मूलन संभव नहीं है। जिसके चलते शोधकर्ताओं ने लायन फिश की जनसंख्या को रोके जाने की प्रयास करने की अनुरोध किया।

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शोधकर्ता उम्मीद जता रहे हैं कि मछुआरे और गोताखोरों को पहले की तरह हमारी मदद करते है तभी मूंगा चट्टानों को बचाया जा सकेगा। रोचा कहते हैं कि ब्राजील और फर्नाडो डि नोहोन्हा में स्थानीय गोताखोरों मछुआरों के समुदाय को लोग बहुत हैं। इनको सही उपकरणों से लैस कर दिया जाए तो पूरी तरह से संभव है कि लायन फिश को काबू में किया जा सकता है।

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