दुनिया के तमाम देशों में तैनात अमेरिका के डिप्लोमैट्स और जासूस इस वक़्त एक बेहद रहस्यमयी बीमारी से जूझ रहे है। आखिर क्या कारण है की सिर्फ अमेरिका के लोगों में यह दिख रहा है ? 

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तो आइये जानते है हवाना सिंड्रोम के बारे में।

हवाना सिंड्रोम एक मानसिक बीमारी है। यह एक रहस्यमयी बीमारी है जो इस वक़्त अमेरिका के अधिकारीयों और जासूसों में पाया जा रहा है। इस हवाना सिंड्रोम का नाम इसलिए हवाना पड़ा क्योकि यह सबसे पहले क्यूबा के हवाना में पाया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक अमेरिका के 60 से ज्यादा डिप्लोमैट्स , अधिकारीयों और जासूसों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। इसके लक्षण की बात करे तो इन अधिकारीयों में सिरदर्द , जी मिचलाने , थकान जैसी दिक्क़ते लग रही है। 

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अब ये सवाल मन में उठ रहा होगा की यह बीमारी सिर्फ अमेरिका के अधिकारीयों को क्यों हो रहा है ?  तो आइये आपके सवालों के जवाब खोजते है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लोगों में चक्कर आना , बदन दर्द ,थकान , सरदर्द ,जैसी समस्याएँ लगातार बनी हुई थी। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने NAS (National Academy Of Sciences ) को जांच करने के आदेश दिए। NAS ने अपने रिपोर्ट में बताया की यह बिमारी किसी रेडियो फ्रीक्वेंसी की वजह से हो रही है। इसका मतलब इन सभी लोगों पर लगातार किसी रेडियो वेव वाली जगह पर काम करे रहे है या इन सभी अधिकारीयों के ऊपर लगातार रेडियो वेव्स से हमला किया जा रहा है। हालाँकि यह मिक्रोवेव्स की वजह से भी हो सकता है।

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NAS के चेयरमैन डॉक्टर डेविड रेलमैन ने बताया की आधी सदी से पहले कुछ अध्ययन हुई थी , और उस समय अमेरिका और सोवियत संघ के बीच संघर्ष चक रहा था। उस समय ऐसे मैकेनिज्म का इस्तेमाल होता था हो सकता है उसके वजह से ये हो रहा हो लेकिन अभी इस पर स्पष्ट रूप से कुछ भी कहना मुश्किल है।हवाना सिंड्रोम की शिकायत साल 2016 से शुरू हुई थी। और इस समय क्यूबा में तैनात डिप्लोमैट्स में ऐसी दिक्क़ते आनी शुरू हो गयी थी। क्यूबा में साल 2016 – 2017 में करीब 40 यूएस डिप्लोमैट्स में ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी के मामले सामने आये थे।

लाइव साइंस ने टाइम्स के हवाले लिखा है रूस , चीन , यूरोप,और कई तमाम एशियाई देशो में तैनात अमेरिकी अधिकारीयों में इस तरह की दिक्कते सामने आयी है। एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने लिखा की उसने एक दिन अपनी कार चौराहें पर रोकी , कार रुकते ही अचानक से उसका जी मिचलाने लगा और तेज सिरदर्द शुरू हो गया , उसका लड़का जिसकी उम्र दो साल थी वो भी कार के पिछले सीट पर था वो रोने लगा। उस अधिकारी ने बताया जैसे ही उस चौराहें को उसने पार किया अचानक से सब ठीक हो गया बच्चा रोना बंद कर दिया।

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कुछ अमेरिकी अधिकारीयों का कहना है की इन सब घटनाओं के पीछे रुसी इंटेलिजेंस का हाथ है। लेकिन अमेरिकी सरकार ने अभी तक किसी पर आरोप नहीं लगाया है। नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर अमांडा जे. होच ने बताया की हमारे पास कोई भी पुख्ता साबुत नहीं है इसलिए हम किसी पर अंदाजा लगा कर कार्यवाही नहीं कर सकते है और ऐसा करना जल्दबाजी होगा। अमेरिका के अधिकारी ऐसी दो घटनाओं पर अभी जांच कर रहे है। ये दोनों जाँच अमेरिका में 2020 चुनाव खत्म होने के बाद हुई थी। कुछ मांमले अभी छिपाये गए है।

NAS ने अपने रिपोर्ट में लिखा केस को छिपाने नहीं चाहिए ऐसा करने से जांच में दिक्क़ते आएगी। अलग -अलग जगहों से जो भी मामले आ रहे है उनका अध्ययन एक साथ करने की जरूरत है। यह धीमी गति से होने वाली क्रोनिक बीमारी है और आगे ऐसा दुनिया में तैनात अमरीकी अधिकारीयों के साथ ज्यादा हो रहा है तो ये दिक्कत वाली बात हो सकती है।

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सेंट्रेल इंटेलिजेंस एजेंसी ( CIA ) के सभी अधिकारीयों के नाम और संख्या को गोपनीय रखा गया है। CIA के डिप्टी डायरेक्टर डेविड कोहेन को निर्देश दिया गया है की CIA के सभी इस बीमारी से पीड़ित अधिकारीयों से मिले और उनकी जानकारी बताये। CIA ने अलग से मेडिकल स्टाफ की टीम तैनात की है जो अपने अधिकारीयों और जासूसों पर एजेंसी के अंदर ही उनके सेहत का ख्याल रखेगी।

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अब अमेरिकी सरकार इस मामले को लेकर अतिगंभीर है। द इंडिपेंडेंट वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख के अनुसार अमेरिकी रक्षा मंत्रालय एक सेंसर को बनाने में लगी है जिसको अमेरिकी अधिकारी पहनेगे ताकि रेडियो वेव्स और मिक्रोवेव्स के हमले से बच सके। यह सेंसर रेडियो वेव्स की तीब्रता को पहचान कर बताएगा। साल 2016 से अबतक 130 अमेरिकी अधिकारीयों में इसकी शिकायत आ चुकी है जो अलग – अलग देशों में काम कर रहे है।

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बीते 20 मई 2021 को हवाना सिंड्रोम को लेकर अमेरिकी सांसदों ने इस बीमारी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए अलग से कानून बनाया है। इस कानून के अंतर्गत इस बीमारी से जूझ रहे सभी लोगों को आर्थिक मदद के साथ – साथ इलाज देने का प्रावधान किया गया है।

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