देश में कोरोना अब अपने व्यापक रूप में आ चूका है। ऐसे में मरता क्या न करता वाला हाल मरीजों के साथ भी हो रहा है। अतिगंभीर मरीजों को ठीक करने के लिए देश में प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन अब कुछ विशेषज्ञों का कहना है की प्लाज्मा थिरेपी अब कारगर साबित नहीं हो रही है ऐसे में इसके इस्तेमाल पर रोक लगा देनी चाहिए। कुछ ने बताया की प्लाज्मा थेरेपी देने के बाद भी मरीजों की जान चली जा रहा है क्योकि प्लाज्मा देने बाद भी उनकी बीमारी की गंभीरता को कम नहीं हो पा रही है।

सूत्रों के अनुसार खबर है चिकित्सकीय प्रबंधन दिशानिर्देशों ( सीएमजी ) से प्लाज्मा थेरेपी को बहुत जल्द हटाने का फैसला किया जा सकता है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ( आईसीएमआर ) और कोविद – 19 के लिए बनाई गयी नेशनल टास्क फ़ोर्स ने एक बैठक आयोजित की थी जिसमे सभी सदस्य प्लाज्मा थेरेपी को हटाने के लिए अपनी सहमति जताई थी।

 

देश के कुछ वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने आईसीएमआर के प्रमुख बलराम भार्गव , एम्स के निर्देशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया और मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन को चिट्ठी लिखकर प्लाज्मा थेरेपी को अवैज्ञानिक करार देते हुए लिखा की प्लाज्मा थेरेपी की वजह से महामारी का प्रकोप कम होने की बजाय बढ़ सकता है क्योकि प्लाज्मा थेरेपी देने से वायरस और विषैले रूप में विकसित हो सकता है जिसका परिणाम बेहद खरनाक साबित हो सकता है।

आपको बताते चले की प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना से ठीक हुए मरीजों के शरीर से खुद में मौजूद एंटीबाडी को निकल लार गंभीर मरीजों को दिया जाता है। लेकिन कुछ विशेषज्ञों के अनुसार 11 , 588 मरीजों पर इसका परिक्षण किया गया था जिसमे पाया गया की इससे मरीजों की मौत और अस्पताल से ठीक होकर घर जाने वाले मरीजों के अनुपात में कोई ज्यादा फर्क नहीं है।

देश में लोग अपने परिजनों को बचने लिए कुछ भी करने को तैयार है ऐसे में बहुत से डॉक्टर्स इसका फायदा उठाने में लगे है। हर दिन कही न कही से खबर आती है की डॉक्टर्स ने गलत तरिके से मरीज के परिजनो से पैसे वसूले है। देश में जरूरी दवाइयों की किल्लत है। हर दिन इन दवाइयों की कालाबजारी करने वाले लोग पकडे जा रहे है।

बहुत से लोग इस आपदा में अपनी इंसानियत खो दिए है और आपदा में अवसर बनाने के लिए भरपूर कोशिश में लगे है। मैंने आपको बताया था की ज्यादा स्टेरॉयड का इस्तेमाल भी अब मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है लेकिन ये सब जानते हुए भी लोग इसका इस्तेमाल आँख बंद कर के कर रहे है। इसी लिए मैंने पहली लाइन लिखा था की ,मरता क्या न करता। लोग अपनी जिंदगी और अपनों की जिंदगी बचने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे है।

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