देश और दुनिया की अगर बात करें तो बहुत से लोग आंख और दिल की बीमारियों से परेशान है। आज हम एक ऐसी शोध के बारे में जानकारी देंगे जिससे इंसानों के ह्रदय रोग का पता आसानी से लग सकेगा। अमेरिका के शोधकर्ताओं ने दिल की बीमारी का खतरा कितना है इसका पता लगाने के लिए आंखों की जांच [Eye Test (Retina Test)] करने वाली एक शोध की है।

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Eye Test (Retina Test) से हृदय रोग का लगेगा पता

अमेरिकी शोधकर्ताओं के मुताबिक रेटीना की जांच [Eye Test (Retina Test)] करके बताया जा सकता है कि इंसानों की आंखों में ब्लड का सरकुलेशन कितना कम है और यह बात सीधे हृदय से संबंधित रोगों की तरफ इशारा कर देगी। अमेरिका के सैनडिएगो की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस बात का दावा करते हुए अपना रिसर्च बताया है।

Eye Test (Retina Test)

रेटिना की कोशकाओं के असर को देख कर हृदय की स्थिति का लगेगा पता

शोधरताओं ने बताया कि शरीर में ब्लड सरकुलेशन घटने या पर्याप्त न होने की वजह से इसका सीधा असर आंखों की रेटिना तथा उसकी कोशिकाओं पर होने लगता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के रेटिना सर्जन डॉक्टर मैथ्यु बेकहम के मुताबिक जांच [Eye Test (Retina Test)] से इस बात का पता लगाया जा सकेगा की ह्रदय रोग कितना खतरनाक है और हृदय संबंधित क्या दिक्क़ते हैं और इसके खतरे को कम भी इस जांच के जरिए किया जा सकेगा।

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रेटिना की जांच करके स्कीमिया नाम के बीमारी का पता लगेगा

इस शोध के अनुसार रेटिना की जांच [Eye Test (Retina Test)] करके स्कीमिया नाम के बीमारी का पता लगेगा। स्कीमिया नाम के हृदय रोग की स्थिति में शरीर के अंदर ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है और धीरे-धीरे धमनिया डैमेज होने लगती है जिससे खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने एक योजना बनाई है जिसके जरिए जांच में जिन भी मरीजों में स्कीमिया पाया जाएगा उन्हें हृदय रोग विशेषज्ञों के पास भेज दिया जाएगा।

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13 जुलाई 2014 से 2019 तक हुआ है शोध

शोधकर्ताओं ने बताया की आंखों की बीमारी [Eye Test (Retina Test)] को समझने के लिए उन्होंने 13,940 मरीजों पर रिसर्च की। 13 जुलाई 2014 से लेकर जुलाई 2019 के बीच यह रिसर्च हुई जिसमे 84 लोगों में हृदय से संबंधित रोग की पुष्टि की गई है। 84 में से 58 लोगों को कोरोनरी हार्ट डिजीज से ग्रस्त पाया गया। वही 26 मरीजों को स्ट्रोक का अटैक हुआ था। शोधकर्ताओं ने बताया कि दोनों बीमारियों का सीधा कनेक्शन ब्लड सरकुलेशन से होता है।

इस जांच में किसी तरह के दर्द से नहीं गुजरना होगा

शोधकर्ताओं ने कहा कि रेटिना टेस्ट [Eye Test (Retina Test)] की मदद से एक्सपर्ट ग्लूकोमा और मैकुलर होल जैसी बीमारियों का पता लगेगा। यह जांच [Eye Test (Retina Test)] बेहद आसान है और इस दौरान मरीजों को किसी तरह के दर्द की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। शोधकर्ताओं  ने कहा कि जब इंसान ह्रदय रोग से परेशान नहीं होता तो इससे जुड़ी जांच नहीं कराता है। ऐसे में रेटीना की जांच [Eye Test (Retina Test)] मरीजों की आंखों के साथ उसके दिल के हाल बताएगी।

हृदय रोग के मरीजों का आकड़ा है ज्यादा

समय से हृदय रोगों का खतरा पता लग जाने से खानपान और एक्सरसाइज के जरिए इस खतरे को कम किया जा सकता है। आपको बता दें कि UK में हर साल 200000 से अधिक लोग से परेशान होते हैं वहीं अमेरिका में आठ लाख तक पहुंच चुका है। इसलिए अब हृदय रोग से संबंधित बीमारियों को कंट्रोल करने की बेहद आवश्यकता है।

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