Epstein-barr-virus: आमतौर पर इंसानों में इम्यून सिस्टम बीमारियों से बचाने का काम करता है। मगर कभी-कभी इम्यून सिस्टम इंसानों के लिए खतरा भी बन जाता है। जब इम्यून सिस्टम इंसानों के लिए खतरा बन जाए तो उसको हम ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के रूप में जानते हैं।

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इसी ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का एक दुर्लभ मामला कनाडा के 12 साल के बच्चे में पाया गया है। यह दुर्लभ मामला कोल्ड एग्लूटीनिन का है। इस दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे उस 12 साल के बच्चे की जुबान बिल्कुल पीले रंग की हो गई है। डॉक्टर्स के मुताबिक एक प्रकार का इम्यून डिसऑर्डर है जिसमें बीमारी से बचाने वाला इम्यून सिस्टम शरीर पर ही हमला करने लगता है और शरीर में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं को खत्म करने लगता है। इस दुर्लभ बीमारी की वजह एक खास वायरस का संक्रमण है जिसका नाम एप्सटीन-बार वायरस (Epstein-barr-virus) है।

Epstein-barr-virus के लक्षण क्या है ?

दी न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उस 12 साल के बच्चे के गले में खराश, पीले रंग का पेशाब, पेट में दर्द और शरीर पीला पड़ने लगा था जिसके बाद उसको कनाडा के अस्पताल में भर्ती किया गया। जब उस बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया गया तब डॉक्टरों ने पीलिया रोग होने की आशंका जताई थी। उस बच्चे के जांच के बाद पता चला कि उसके शरीर के अंदर एनीमिया के साथ-साथ एप्सटीन-बार वायरस का भी संक्रमण है। एप्सटीन-बार वायरस आमतौर पर बच्चों को ही संक्रमित करता है।

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बेकाबू इम्यून सिस्टम को कैसे किया नियंत्रित ?

बेकाबू हुए इस इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन और स्टेरॉयड की मदद ली गई। इसके बाद 7 हफ्तों में बेकाबू हुए इम्यून सिस्टम को कंट्रोल कर लिया गया। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसकी जुबान की रंग भी सामान्य होने लगा है।

Epstein-barr-virus क्या है?

यह एप्सटीन-बार वायरस (Epstein-barr-virus) लार के जरिए फैलता है और यह सीधे तौर पर इम्यून सिस्टम को डिस्टर्ब करता है। संक्रमित मरीजों के अंदर थकान, अचानक तेज बुखार होना, भूख न लगना, तेजी से वजन का घटना, गले में सूजन, स्किन पर चकत्ते जैसे आम लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इस दुर्लभ बीमारी का इलाज संभव है। इलाज शुरू होने के 2 से 4 हफ्तों के अंदर मरीजों की हालत में सुधार होना शुरू हो जाता है।

Epstein-barr-virus

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संक्रमण हो जाने पर क्या करें?

संक्रमण हो जाने के बाद आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे:-

1. संक्रमण में आई कमजोरी से निपटने के लिए आपको भरपूर रेस्ट करने की जरूरत होगी।

2. इस बात का ध्यान रखें कि आपके शरीर में पानी की कमी ना हो।

3. डिहाइड्रेशन होने की स्थिति में आप ORS के घोल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

4. आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए ताजा जूस और नारियल का पानी लेना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

5. मरीजों के गले में सूजन को कम करने के लिए आप गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला कर सकते हैं।

6. मरीजों के शरीर में दर्द बढ़ने की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेकर आप पेनकिलर भी ले सकते हैं। लेकिन पेनकिलर तभी ले जब दर्द आपके सहने की क्षमता से ज्यादा हो।

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