अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने लकड़ी की फर्श से बिजली बनाने पर शोध किया है। अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने वुडन नैनोजेनरेटर को तैयार किया है जिस पर पैर पड़ते ही बिजली उत्पन्न होने लगती है वैज्ञानिकों ने दावा किया कि इस मॉडर्न वुडन नैनोजेनरेटर पर चहलकदमी से बिजली पैदा होगी, उससे एलईडी लाइट बल्ब जलाए जा सकते हैं।

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नैनो जनरेटर से तैयार होगी बिजली

विज्ञानियों के मुताबिक लकड़ी आसानी और सस्ते दामों पर उपलब्ध हो जाती है जिसकी वजह से इसको नैनोजनरेटर के रूप में घर में लगाना काफी किफायती साबित होगा। एक शोध के मुताबिक बिजली उत्पन्न करने का नैनोजनरेटर काम का है। वैज्ञानिकों ने नैनोजनरेटर  को तैयार करने में लकड़ी के टुकड़ों का उपयोग किया। इन दोनों में से एक लकड़ी के तरफ पॉलीडीमेथाइलसिलोक्सेन (PDMS) और दूसरी तरफ जियोलिटिक इमिडेजोलेट फ्रेमवर्क-8 (ZIF-8) की परत लगाई गयी है।

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कैसे तैयार होगी बिजली ?

आपको बता दें इन दोनों पर लगाई गई केमिकल बिजली उत्पन्न करने के समय इलेक्ट्रॉन के आकर्षित करने और छोड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं। लकड़ी की एक हिस्सा पॉजिटिव तो दूसरा हिस्सा नेगेटिव चार्ज की तरह काम करता है। वैज्ञानिकों ने दो इलेक्ट्रोड के बीच में लकड़ियों के टुकड़ों को रखा। इसके बाद जब कोई इंसान लकड़ियों पर चलता है तो इन्हें एनर्जी मिलने लगती है और ये चार्ज हो जाते हैं, जिससे बिजली उत्पन्न होने लगती है।

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आने वाले समय में इसका होगा उपयोग

विज्ञान की भाषा में अगर इसकी बात करें इसको ट्राइबोइलेक्ट्रिक इफेक्ट कहा जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह एक प्रकार का प्रोटोटाइप है। वैज्ञानिकों ने कहा आने वाले समय में इनको कमरों में लगाया जा सकता है जिससे चलते फिरते बिजली उत्पन्न हो सकती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि यह डिजाइन इंटीरियर के हिसाब से खूबसूरत भी दिखती है और भविष्य में बनने वाले सभी स्मार्ट बिल्डिंग्स में इसका उपयोग कर एनर्जी हार्वेस्टिंग फ्लोर के तौर पर लगाकर बिजली बनाई जाएगी।

कौन सी लकड़ी का हुआ है इस्तेमाल ?

वैज्ञानिकों ने इस बात को साफ किया कि नैनोजनरेटर के ऊपर और नीचे 1 -1 लकड़ी की एक्स्ट्रा लेयर लगाई गई है जिससे इंसान सीधे तौर पर इसके संपर्क में नहीं होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक अगर लकड़ी ना हो तो नैनो जनरेटर को तैयार करना बेहद मुश्किल काम है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस काम में किस प्रकार की लकड़ियों का इस्तेमाल होगा इस पर भी सर्च किया गया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि जब हमने लकड़ियों पर शोध करना शुरू किया तो सामने आया कि नैनो जनरेटर को तैयार करने के लिए इस स्प्रस नाम की लकड़ी सबसे बेहतर साबित हुई। यूरोप में लकड़ी का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है और वह सस्ती तथा आसानी से उपलब्ध हो जाती है।

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