आज कल लोग जब घर में होते है तो वह टीवी में व्यस्त होते है या अपने मोबाइल में। बहुत से लोग कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम है और वह लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं। इन उपकरणों के ज्यादा इस्तेमाल करने की वजह से आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है। उपकरणों के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चे आज कल ड्राई आई की समस्या से जूझ रहे है।

ड्राई आई

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ड्राई आई होने के है दो मुख्य कारण

अगर आपके आंखों में चुभन, जलन, लालिमा, खिचाओ या थकान महसूस हो रहा है तो यह ड्राई आई का संकेत हो सकता है। ऑप्टोमेट्रिस्ट डॉ. सैम बर्न मुताबिक ड्राई होने के दो कारण हैं जिसमें पहला कारण है आंखों में सूजन होना जो अमूमन पलको या आंसू की ग्रंथियों के पास होती है जबकि दूसरा बड़ा कारण है डिजिटल आई स्ट्रेन।

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अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन पर देखने वाली आंखें 66 प्रतिशत तक कम झपकती हैं। पिछले 2 साल से लॉक डाउन की वजह से देश में बच्चे दिन भर में औसतन 4 घंटे किसी न किसी स्क्रीन पर गुजारते हैं।

क्या है 20-20-20 फार्मूला ?

एक एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे मामलों में 20-20-20 का फार्मूला अपनाना जरूरी है। यानी आपको हर 20 मिनट स्क्रीन देखने के बाद आंखों को 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर पर देखें। इसकी वजह से आपकी आंखों को राहत मिलेगी।

उपकरण के इस्तेमाल करते समय रखें इन बातों का ध्यान।

1. अगर कोई लड़का या बच्चा कंप्यूटर स्क्रीन को देखता है तो उसकी आंखों के  लेवल से थोड़ा नीचे 20 इंच की दूरी में या अपने हाथ की लंबाई जितना उस स्क्रीन को दूर रखें।

2. स्क्रीन देखते वक्त अक्सर इंसान पलके झपका भूल जाता है, ऐसी गलती ना करें। ऐसी गलती करने से आंखों में सूखापन और धुँधलेपन की समस्या बढ़ जाती है।

3. अगर किसी का पहले से नजर थोड़ा सा भी कमजोर है तो आप बिना चश्मे के मोबाइल या कंप्यूटर को इस्तेमाल ना करें।

4. आप जहां भी लैपटॉप या कंप्यूटर का स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हैं उसके आसपास रोशनी अच्छी होनी चाहिए।

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5. अपने गैजेट की ब्राइटनेस को भी मेंटेन करना आवश्यक है।

6. आंखों को थकान होने पर रगड़ने से बचें। ऐसा करने से आंखों में संक्रमण की गुंजाइश ज्यादा बढ़ जाती है।

7. मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर का फॉन्ट के साइज को बड़ा रखें तथा कोई भी फॉन्ट इस्तेमाल करें जिससे स्पष्ट दिखाई दे। उदाहरण के तौर पर एरियल फॉन्ट को आंखों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

8. बच्चों को पर्याप्त नींद और अच्छी मात्रा में पानी पीने की सलाह दें क्योंकि कभी-कभी कम पानी पीने की वजह से आंखों में सूखापन का लक्षण बढ़ने लगता है।

ड्राई आई का कैसे लगाए पता ?

 अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा ड्राई आई की समस्या से जूझ रहा है तो वह स्क्रीन टेस्ट करके उसका पता लगा सकते हैं। डॉक्टर जो है कागज की ब्लाटिंग स्कूल के नीचे रख देते हैं और 5 मिनट बाद सूखे गए आंसू के आधार पर ड्राई ड्राई का पता लगा लिया जाता है।

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