लामा यानी ऊंट जो दक्षिण अफ्रीका में पाए जाते हैं उनके जरिए अब कोरोना से लड़ाई लड़ने की तैयारी वैज्ञानिकों ने शुरू की है। लामा के शरीर में बनने वाले ने नैनोबॉडीज (Nanobodies) के जरिए कोरोना से लड़ने में मदद हो सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक लामा के शरीर में जो Nanobodies बनती हैं वह प्रोटीन से मिलकर बनी होती है।
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लामा के शरीर में नैनोबॉडीज (Nanobodies) के जरिये रोका जाएगा कोरोना
इस प्रोटीन को कोरोना के मरीजों के नाक पर स्प्रे किया जाए तो यह प्रोटीन वायरस से लड़ने में सक्षम हो सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह नैनोबॉडीज (Nanobodies) एक तरह का एंटीबॉडीज ही है। इस पर ऑक्सफोर्डशायर के रोजालैंड फ्रैंकलीन इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता रिसर्च कर रहे हैं।
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नैनोबॉडीज कोरोना के अलग – अलग वेरिएंट से लड़ने में है सक्षम
इन शोधकर्ताओं के मुताबिक अमेरिकी लामा के शरीर में बनने वाली नैनोबॉडीज (Nanobodies) कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट से भी लड़ने में सक्षम है। शोधकर्ताओं ने बताया कोरोना से संक्रमित हुए जानवरों में यह नैनोबॉडीज (Nanobodies) देने के बाद उनके अंदर लक्षणों में कमी पाई गई। शोधकर्ता ने इस बात पर जवाब दिए कि इस नैनोबॉडीज को लैब के अंदर बड़े पैमाने पर बनाया जा सकता है, जो इंसानों के लिए ह्यूमन एंटीबॉडीज का सस्ता और बेहद आसान विकल्प साबित हो सकता है।
Nanobodies कोरोना के अल्फा और बीटा वैरिएंट्स से लड़ने में है सक्षम
शोधकर्ताओं ने बताया कि लामा के शरीर में बनने वाली नैनोबॉडीज (Nanobodies) कोरोना के अल्फा और बीटा वेरिएंट पर भी असरदार है। शोधकर्ताओं ने लामा के शरीर से 4 नैनोबॉडीज (Nanobodies) निकाली जिसका इस्तेमाल कोरोना के अल्फा और बीटा वैरिएंट्स पर किया गया और रिपोर्ट में सामने आया की तीसरी नैनोबॉडीज ने अल्फा वेरिएंट्स को न्यूट्रलाइज कर दिया है जबकि चौथी नैनोबॉडीज ने बीटा वेरिएंट्स को खत्म करने में कामयाब रहा।
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वैक्सीन जैसी तकनिकी पर करती है काम
नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में छपी एक रिसर्च के अनुसार लामा के शरीर में नैनोबॉडीज (Nanobodies) बनती है। लामा के शरीर में कोरोना की स्पाइक प्रोटीन भेजा गया लेकिन लामा बीमार नहीं हुई बल्कि वायरस से लड़ने में सक्षम पाई गयी। साफ तौर पर देखा जाए तो कोरोना की वैक्सीन भी इंसानों के शरीर पर ठीक इसी तरह से काम करती है।
लामा के ब्लड सैंपल से निकले गए थे 4 नैनोबॉडीज
वैज्ञानिकों ने लामा के शरीर से ब्लड सैंपल लिया और इस ब्लड सैंपल से 4 नैनोबॉडीज (Nanobodies) निकाले गए जो कोरोना से लड़ने में सक्षम थे। इन चार नैनोबॉडीज (Nanobodies) की तरह से लैब में अन्य नैनोबॉडीज बनाई गई। उसके बाद इन पर सर्च किया गया जिसमें पाया गया कि नैनोबॉडीज (Nanobodies) एक चेन बनाती हैं और अपनी क्षमता को बढ़ाने लगती हैं जिससे कोरोना का संक्रमण फैलने से रुक जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अब हम इसका ह्यूमन ट्रायल की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने लिवरपूल यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के साथ जुड़कर फंडिंग के लिए करार किया है।