कोरोना की दूसरी लहर ने पुरे देश में तबाही तो मचा ही रहा है लेकिन हर दिन कोरोना के मरीजों में नए – नए लक्षणों का पता चल रहा है। और सभी लक्षणों में सबसे प्रभावी लक्षण खून का थक्का जमना भी है जिसको विज्ञान की भाषा में हम ब्लड क्लॉट बोलते है।
आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे की खून का थक्का जमना क्या होता है और इसका खुद के पतले होने या मोटे होने से क्या सम्बन्ध है ? और कोरोना से इसका क्या रिस्ता है ?
सवाल – खून का गाढ़ा होने का क्या मतलब है और इसकी जरूरत हमारे शरीर में कब होती है ?
उत्तर – मान लीजिये आपको शरीर में कही चोट लग जाती है और खून निकलने लगता है। तो इस परिस्तिथि में हमारे शरीर की रक्त तंत्रिकाओं में मौजूद प्लेटलेट्स और कुछ रसायन की मदद से ब्लड के थक्का को जमने में मदद करती है ताकि हमारे शरीर से ज्यादा खुद बाहर न निकल सके। यह पूरी प्रक्रिया हमारे शरीर के बेहद जरूरी है मगर नसों में खून के थक्के का जमना घातक हो सकता है।
सवाल – खून का पतला होने से क्या तातपर्य है ?
उत्तर – हम सभी जानते है की हमारे खुद में ,लाल रक्त कोशिका , सफ़ेद रक्त कोशिका ,प्लाज्मा और प्लेटलेट्स पाया जाता है। हालाँकि प्लेटलेट्स की मात्रा हमरे खुद में सिर्फ एक से दो प्रतिशत ही होती है। ये प्लेटलेट्स ही हमारे खून को गाढ़ा करने और थक्का बनाने में मदद करता है। समान्य रूप से प्लेटलेट्स एक स्वस्थ्य इंसान के शरीर में 1 .5 लाख से 4 लाख की संख्या में प्रति मिलीलीटर होती है। लेकिन अगर प्लेटलेट्स की संख्या इनसे काम हो जाए तो मन जाता है की खून पतला है और डॉक्टरों के अनुसार ये स्वास्थ्य के लिए बिलकुल ठीक नहीं है। विज्ञान की भाषा में इसको थ्रोम्बोसाइटोंपेनिया बीमारी बोला जाता है।
सवाल – कोरोना वायरस और खून का थक्का जमने का क्या संबध है ?
उत्तर – बहुत से कोरोना से संक्रमित मरीजों में अब तक ये देखा गया है खून के थक्के जमा रहे है। अब इसका कारण ये है कि जब कोरोना का वायरस किसी व्यक्ति के शरीर में जाता है तो वो उस मरीज के शरीर कि एंडोथेलिअल कोशिकाओं को नुकसान पहुंचना शुरू कर देता है। (एंडोथेलियल कोशिकाएं एक एकल कोशिका परत बनाती हैं जो सभी रक्त वाहिकाओं को रेखाबद्ध करती हैं और रक्तप्रवाह और आसपास के ऊतकों के बीच आदान-प्रदान को नियंत्रित करती हैं।) लेकिन जब ये कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती है तब हमारे शरीर में थक्का जमने कि प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है। जैसे – जैसे ये वायरस हमारे ऊतकों को नष्ट करती है वैसे – वैसे उन कोशिकाओं में सूजन लाने वाले अणु बनने लगते है और हमारा प्रतिरोधक प्रणाली तंत्र उनको ठीक करने कि कोशिश में खून का थक्का जमाना शुरू कर देता है जो हमारे शरीर के लिए बेहद खरतरनाक साबित हो सकता है।
सवाल – खून का थक्का जमने से क्या दिक्क़ते हो सकती है ?
उत्तर – खून थका जमना किसी भी व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। मगर दिल के आस[पास अगर कही थक्का जमता है तो ये जानलेवा भी हो सकता है।
खून के थक्के जमना हाइपरटेंशन , डाइबिटीज ,मोटापा और दिल कि अन्य बीमारी को जन्म देता है। खून का थक्का जमना सिर्फ दिल ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य भागों को भी नुकसान करता है। जैसे अगर खून दिमाग में जम गया तो स्ट्रोक,फेफड़े में जमा तो ऑक्सीजन कि कमी , पैरों कि नसों में जमा तो लिंब स्कीमिया जैसी बीमारिया भी होती है।
सवाल – खून को पतला कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर – देश में बहुत से मरीज है जिनमे खून जमने कि शिकायत है और वो पहले से ही खून पतला करने कि दवाइयां लेते रहते है। कुछ विषेषज्ञ ऐसे मरीजों को खून पतला करने के लिए एंटीकॉएग्युलेंट देते है ताकि खून का थक्का न बने।
दूसरा उपाय ये है कि आप नियमित व्यायाम करे,वजन को नियंत्रण में रखना और धूम्रपान से दूर रहना भी आपको खून के थक्के बननेकि समस्या से निजात दिला सकता है।
निलेश गोविन्द राव