नेशनल अमेरिकन रजिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक इसकी पुष्टि हुई कि कोलेस्ट्रोल कम करने की दवा स्टेटिन्स कोरोना से होने वाली मौत के खतरे को 41% तक कम कर देती है। इस पर रिसर्च करने वाले सैनडिएगो के शोधकर्ताओं के मुताबिक इस रिसर्च में ऐसे मरीजों के डाटा को शामिल किया गया जो कोरोना होने के पहले से ही स्टेटिन्स दवा ले रहे थे। इसके साथ ही इस रिसर्च में ऐसे लोग भी शामिल रहे जो यह दवा नहीं ले रहे थे। इस रिसर्च के परिणाम स्वरुप यह पता चला कि यह दवा हॉस्पिटल में भर्ती हुए मरीजों की मौत के खतरे को कम करती।
स्टेटिन्स मरीजों में कैसे असरदार साबित हुई?
कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली स्टेटिन्स एक दवा है जो गोलियों के रूप में ली जाती है। कोलेस्ट्रोल दो तरह का होता है गुड और बैड। इस दवाई की मदद से शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल को लेबल कम किया जाता है जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाए तो हर्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा हो जाता है।
स्टेटिन्स दवा कैसे करती है काम ?
शोधकर्ताओं ने बताया कि कोलेस्ट्रॉलको कंट्रोल कर के शरीर में होने वाले सूजन को भी रोक लेती है। इस खूबी के चलते मरीजों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है। कोरोना मरीजों के शरीर के अंदर होने वाले सूजन की कमी की वजह से उनकी मौत का खतरा भी कम हो जाता है।
यह भी पढ़े:Science News : मैजिक मशरूम (Magic Mushroom या Psilocybin mushroom ) की मदद से होगा डिप्रेशन का इलाज।
इस पर रिसर्च करने वाले सैनडिएगो के कार्डियोवैस्कुलर इंटेंसिव केयर के डायरेक्टर लोरी के मुताबिक इसकी दवाई कोरोना मरीजों में असरदार है इसका मुख्य वजह है कि यह एंजियोटेंशिन कन्वर्टिंग एंजाइम 2 रहता है। शोधकर्ताओं की पूरी टीम ने करीब 10,541 मरीजों के ऊपर जांच किया और उनके रिकॉर्ड को देखा।
यह भी पढ़े: Science News : रशिया ने तैयार कि अपने देश कि पहली क्लोनिंग काऊ, इसके दूध से कम होगी एलर्जी !
जनवरी से सितंबर 2020 के यह मरीज अमेरिका के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हुए थे। रिसर्च की टीम ने बताया कि इसमें ऐसे मरीज थे जो हाई बीपी और हृदय रोग से ग्रसित थे और वह स्टेटिन्स और एंटी – हाइपरटेंशन की दवाएं ले रहे थे जिससे उनकी मौत का खतरा 32 फ़ीसदी तक कम हो जाता है।
यह भी पढ़े: Science News : Diabetes होने के पीछे एक खास जीन्स का है हाथ, इसकी वजह से 6 गुना तक बढ़ जाता है खतरा।
CDC की रिपोर्ट क्या कहती है ?
शोधकर्ताओं ने अपनी इस रिसर्च में यह भी पाया की कोरोना के मरीज अस्पताल में भर्ती होने से पहले स्टेटिन्स दवाई ले रहे थे। उनमें संक्रमण का गंभीर खतरा होने का चांस 50 फ़ीसदी कम पाया गया। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसीज CDC की रिपोर्ट के मुताबिक 93 फ़ीसदी मरीज कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए स्टेटिन्स दवाई का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कुछ ऐसे मरीज हैं जिनमें इसका साइड इफेक्ट भी देखा जाता है। स्टेटिन्स दवाई के साइड इफेक्ट्स में डायरिया, सिर दर्द और उल्टी शामिल है।