अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ततैया के जहर से एक ऐसी एंटीबायोटिक तैयार की है जो उन बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करेगा जिन पर असर किसी और दवाइयों का नहीं होता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ततैया के जहर से एंटीमाइक्रोबियल्स मॉलिक्यूल को तैयार किया है।

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इस मॉलिक्यूल को तैयार करने वाली अमेरिका के पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी ने बताया कि इससे जो दवा तैयार हुई है वह दवा टीबी और सेप्सिस के खतरनाक बैक्टरियों के इलाज में मदद करेगा। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस जनरल में छपी एक रिसर्च के अनुसार वैज्ञानिकों ने एशियन, कोरियन और वेस्पुला ततैया के जहर से प्रोटीन का एक छोटा सा हिस्सा निकाला और उसमें बदलाव करना शुरू कर दिया। प्रोटीन में हुए बदलाव के कारण दवा के मॉलिक्यूल में उन बैक्टीरिया को खत्म करने की क्षमता बढ़ गई जिन पर अन्य दवाएं बेअसर साबित हो रही थी।

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चूहों पर हो रहा है रिसर्च

इस एंटीबायोटिक का रिसर्च चूहों पर किया जा रहा है। चूहों पर किए रिसर्च में यह देखा गया कि जिन बैक्टीरिया पर किसी भी दवा का असर नहीं हो रहा था उस पर ततैया के जहर से बनाए गए एंटीबायोटिक्स का असर हो रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया वर्तमान में ऐसी नई एंटीबायोटिक्स की जरूरत है जो ड्रग रेजिस्टेंस बैक्टीरिया को भी खत्म करने में सफल हो। वैज्ञानिकों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि ततैया के जहर से निकले मॉलिक्यूल नई तरह की एंटीबायोटिक का काम करेगा।

कैसे तैयार हुई है ततैया के जहर से एंटीबायोटिक?

रिसर्च के अनुसार ततैया के जहर से मास्टोपरन-एल पेप्टाइड को सबसे पहले अलग किया गया जो इंसानों के लिए काफी जहरीला होता है और ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है जिसके वजह से हालत नाजुक बन जाती है। इसके बाद इसके असर को कम करके इसमें बदलाव करना शुरू कर दिया गया। इस बदलाव को इसलिए कम किया गया ताकि यह बैक्टीरिया में जहर का काम करें। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह इंसानों के लिए कितना सुरक्षित है अभी इसका क्लिनिकल ट्रायल इंसानों पर होना बाकी है।

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किन बैक्टीरिया पर हुआ है इसका प्रयोग?

वैज्ञानिकों ने ततैया से निकाले जहर का ट्रायल चूहों में मौजूद E.coli और Staphylococcus aureus बैक्टीरिया पर किया। इस नए ड्रग के टेस्टिंग के दौरान 80 फ़ीसदी चूहे जिंदा रहे लेकिन जिन चूहों में ड्रग की मात्रा की डोज अधिक दी गई उनमें कई तरह के साइड इफेक्ट दिखने शुरू हो गए। इस रिसर्च में दावा किया गया कि यह ड्रग केटामाइन और प्रेम का विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि ड्रग रेजिस्टेंस बैक्टीरिया के मामले ज्यादा बढ़ रहे।

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