समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को यरूशलम के अल अक्सा मस्जिद में इजरायली सुरक्षा बलों और फिलिस्तानियो ले बीच फिर हिंसक झड़प हुई। आपको बताते चले की साल 1967 में यरूशलम के इलाकों पर इजरायल ने अपना कब्ज़ा कर लिया था। सोमवार को उस घटना की वर्षगांठ मनाने के लिए यहूदी राष्ट्रवादी एक मार्च निकलने की तैयारी कर रहे थे और इसी बीच में हिंसा भड़कना आरम्भ हो गया। इजरायली सूरक्षा बलों पर फिलिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने पथराव करना शुरू कर दिया जिसके जवाव में इजरायली सुरक्षा बलों ने रबर बुलेट और आँशु गैस के गोले दागने शुरू कर दिए।

पिछले कई दिनों से इजरायली सेना और फिलिस्तानियो के बीच में हिंसा की खबरे आ रही थी। फिलिस्तीनी रेड क्रेसेंट सोसाइटी ने पत्रकारों से बताया की इस हिंसक झड़प के दौरान 180 फिलिस्तानी घायल हुए है जिनमेंसे 80 की हालत बेहद नाजुक है। उन्होंने ये भी बताया की झड़प के दौरान इजरायली सुरक्षा बलों ने मस्जिद में इकट्ठा हुए लोगो पर आँशु गैस के गोले और ग्रेनेड का इस्तेमाल भी किया। उन्होंने बताया की पूर्वी यरूशलम के शेख जराह से जब इजरायली सुरक्षा बलों ने फिलिस्तानियों के परिवार वालो को हटाने की बात कही तब फिलिस्तानियों इसका विरोध किया और वही से हिंसा की भड़क उठी।

इस्लाम में यरूशलम के अल अक्सा मस्जिद को सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। यहूदियों और ईसाईयों के लिए यरूशलम धार्मिक तौर पर बड़ा महत्व रखता है। इजरायल यरूशलम को और उसके पूर्वी हिस्से को अपनी राजधानी के तौर पर मनाता है। हालाँकि यरूशलम के इन इलाकों पर अभी तक इजरायल को अंतराष्ट्रीय मान्यता नहीं प्राप्त हुई है। फिलिस्तानियों की जिद है कि गाजा और वेस्ट बैंक को अलग देश उनके लिए बना कर दिया जाए जिसकी राजधानी पूर्वी यरूशलम को घोषित किया जाए।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रवक्ता ओफिर गेंडलमैन ने ट्वीट में लिखा -” अतिवादी फिलिस्तानियों ने टेम्पल माऊंट में दंगो कि पूरी योजना को पहले से बना कर तैयारी कर ली थी। आज और हम जो देख रहे है वो इस पूर्वनियोजित योजना का परिणाम है। ” एक इजरायली सेना ने बातचीत में बताया कि फिलिस्तानियों ने गाजा पट्टी इलाके में हमारे ऊपर तीन राकेट छोड़े मगर अच्छी खबर ये रही कि इससे किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। आगे इसने बताया कि हिंसा पर काबू करने के लिए हमने हजारो कि संख्या में अधिकारियों कि तैनाती कर दी है। होली प्लाजा और अल अक्सा मस्जिद में यहूदी समुदाय के लोगो को यरूशलम दिवस के दौरान प्रवेश को रोक दिया गया है।

                 

यरुशलम के इस घटना के बाद दुनिया के तमाम इस्लामिक देश इजरायल कि खिलाफ आवाज उठा रहे है कड़ी आलोचना कर रहे है। आलोचना करने कि फेहरिस्त में सबसे पहले हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया और लिखा – “रमजान महीने में अल अक्सा मस्जिद में फिलिस्तानियों और इजरायली सुरक्षा बलों के हमले कि कड़ी निंदा करता हू। ये मानवता और अंतराष्ट्रीय कानूनों के प्रावधानों का उलंघन है। हम फिलिस्तान के लोगो के लिए अपने समर्थन को दोहराते है। अंतराष्ट्रीय समुदाय को फिलिस्तानियों के लोगो और उनके अधिकारियों कि रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने कि जरूरत है। “

“ये सारी बड़ी बाते उस देश के प्रधानमंत्री कर रहे है जहां हर रोज मानवता को शर्मशार किया जाता है। अंतराष्ट्रीय कानूनों कि बात उस देश के पीएम के जुबान से अच्छी नहीं लगती जो देश आंतकवादियों को पनाह देता हो। खैर वो इमरान साहब है कुछ भी बोल सकते है।”

आगे सऊदी अरब और यूएई ने भी शनिवार को इजरायल कि योजना जिसमे फिलिस्तानियों को उसने घर से निकलने कि तैयार थी उसकी कड़ी निंदा कि थी, और इजरायली प्रशासन से जल्द से जल्द तनाव को ख़त्म करने कि अपील की। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए लिखा – दर्जनों फिलिस्तानियों को उनके घरो से हटाने और उन पर इजरायली सम्प्रभुता थोपने की योजना को सऊदी अरब ख़ारिज करता है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दवान ने ट्वीट करते हुए लिखा की – इजरायली सुरक्षा बलों द्वारा फिलिस्तानियों पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूँ। हम अपने पहले किबला अल अक्सा मस्जिद पर इजरायल के घृणित हमले की निंदा करते है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है की हर रमजान में ऐसे हमले किये जा रहे है। तुर्की हर परिस्थिति में अपने फिलिस्तानी भाइयों और बहनों के साथ खड़ा है।

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